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कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर केंद्र सतर्क, बिहार को सौंपे 264 नये वेंटिलेटर

मातृ मृत्यु दर में आयी 16 अंकों की गिरावट, दो महीने बढ़ा लोगों का औसत आयु- पांडेय

पटना: कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार काफी सतर्क है। इसको लेकर केंद्र के तरफ से बिहार को हरसंभव मदद की जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर केंद्र सरकार ने बिहार को 264 नए वेंटिलेटर दिए हैं।

इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में भेजे गए एक सौ वेंटिलेटर के अतिरिक्त और 264 वेंटिलेटर भेजा गया है। इसमें से 25 वेंटिलेटर एम्स, पटना एवं शेष वेंटिलेटर राज्य के विभिन्न मेडिकल काॅजेल सह अस्पताल में लगेंगे।

पिछले दो महीने में केंद्र द्वारा स्वास्थ्य विभाग को जहां 364 वेंटिलेटर की अधिप्राप्ति हुई, वहीं राज्य सरकार द्वारा भी 30 वेंटिलेटर उपलब्ध कराया गया है। साथ ही और एक सौ वेंटिलेटर केंद्र सरकार की तरफ से प्राप्त होने वाले हैं। इन वेंटिलेटरों के अधिष्ठापन से मेडिकल काॅलेज सह अस्पतालों में कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज संभव होगा, जहां कोरोना मरीजों के लिए 100-100 बेड आरक्षित रखे गये हैं।

पांडेय ने कहा कि सूबे में मातृ मृत्यु दर में 2014 के बाद पहली बार 16 अंकों की गिरावट हुई है। 2014-17 के बीच राज्य में प्रति एक लाख पर 165 माताओं की मृत्यु हो जाती थी। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार 2018 में वह आंकड़ा गिरकर 149 पर आ गया है। पूरे देश में जहां मातृ मृत्यु दर में पिछले तीन वर्षों में नौ अंकों की कमी आयी, वहीं बिहार में यह कमी 16 अंकों में आयी है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि किस तरह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई है।

बिहार में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि 2016 तक बिहार के लोगों का औसत आयु जहां 68.07 वर्ष था, वह एसआरएस 2018 के अनुसार बढ़कर 68.09 वर्ष हो गया है। इस तरह लोगों के औसत आयु में 2 महीने की वृद्धि हुई है। इसी तरह शिशु मृत्यु दर भी प्रति हजार 35 से घटकर राष्ट्रीय औसत 32 के बराबरी पर आ गया है, जो पहली बार हुआ है। टीकाकरण के क्षेत्र में भी बिहार आगे बढ़ रहा है और अब 86 फीसदी टीकाकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि इस प्रकार स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न मानकों पर पिछले तीन वर्षों में गुणात्मक सुधार हुआ है।

पांडेय ने कहा कि आइसोलेशन सेंटरों में इलाजरत कोरोना मरीजों के आहार दर और मेनू निर्धारण का आदेश जारी कर दिया गया है। पहले जहां पौष्टिक आहार के लिए प्रतिदिन प्रति मरीज अधिकतम एक सौ रुपये मिलते थे, वह अब प्रति मरीज अधिकतम 175 रुपये निर्धारित किया गया है। इसमें सुबह का चाय एवं बिस्किट, नाश्ता, दिन का भोजन, शाम का चाय एवं बिस्किट समेत रात का भोजन भी शामिल है। साथ ही जहां आरओ की सुविधा नहीं है, वैसे आइसोलेशन सेंटरों पर बोतल बंद शुद्ध पानी के लिए प्रतिदिन प्रति मरीज 50 रुपये अतिरिक्ति निर्धारित किया गया है, ताकि मरीजों को शुद्ध पीने का पानी की कमी न हो।