पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में अभी कुछ देर है, लेकिन राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन में अभी से दरार पड़नी शुरू हो गई है। सबसे बड़ा सियासी धमाका हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम ने करने का अल्टीमेटम भी दे दिया है। इसके लिए उन्होंने तारीख का भी ऐलान कर रखा है। यदि 25 जून तक महागठबंधन नहीं संभला तो वे 26 जून को अपने पुराने घर यानी जदयू की राह ले लेंगे। इधर मांझी और जदयू के बीच एकदूसरे के लिए लगातार जारी ‘अच्छी बातों’ ने यह तय कर दिया है कि वे शीघ्र ही जदयू में अपनी पार्टी का विलय कर लेंगे।
माना जा रहा है कि मांझी किसी भी वक्त महागठंबधन को छोड़ पुराने घर लौट सकते हैं। नीतीश कुमार से समझौते और घर वापसी पर जीतनराम मांझी ने कहा भी कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। नीतीश कुमार भी कभी बीजेपी के विरोधी और लालू के सहयोगी रहे थे तो मुझ पर सवाल क्यों पूछे जा रहे हैं। नीतीश जी अच्छा काम कर रहे हैं। उनकी टक्कर का बिहार में फिलहाल कोई नहीं है। मैं पहले भी जदयू में ही था। इसमें आश्चर्य क्या है।
उधर मांझी की जदयू में वापसी की अटकलों पर नीतीश के करीबी मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने कहा कि अगर मांझी जी वापस आते हैं तो उनका भरपूर स्वागत है। नीतीश जी जिताऊ चेहरा हैं और सभी कोई नीतीश कुमार के साथ ही आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस के कई और चेहरे बहुत जल्द जेडीयू में शामिल होंगे। लेकिन किसी भी मसले पर अंतिम निर्णय सीएम नीतीश कुमार का होगा।