नयी दिल्ली : आज 26/11 है। यानी 26 नवंबर। करीब 13 वर्ष पूर्व 2008 को आज ही के दिन पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को दहला दिया था। मुंबई हमले में 169 लोगों की जान गई और करीब 4 दिनों तक आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल और छत्रपति शिवाजी रेल टर्मिनल परिसर में जमकर कत्लेआम किया। अब इसी आतंकी हमले के बारे में मुंबई पुलिस के पूर्व एसीपी शमशेर खान पठान ने कमिश्नर को एक चिट्ठी लिखकर पूर्व डीजीपी परमबीर सिंह पर बड़ा खुलासा किया है।
पूर्व डीजीपी परमबीर पर नया खुलासा
अपनी चिट्ठी में रिटायर्ड एसीपी ने कहा कि ’26/11 के दिन जब आतंकी अजमल आमिर कसाब को पकड़ा गया तब इसकी जानकारी मिलने के बाद मैंने अपने साथी एनआर माली को फोन किया। उस समय माली ने मुझे बताया था कि अजमल कसाब का मोबाईल फोन भी बरामद हुआ है। उस समय कई बड़े अधिकारी कसाब की गिरफ़्तारी के बाद पहुंचे थे, जिसमें से एक एटीएस के तत्कालीन चीफ परमबीर सिंह भी थे। माली ने मुझे बताया था कि कसाब का फोन कांबले के पास था जिसे परमबीर सिंह ने अपने पास रख लिया था। इसे देश की सुरक्षा के लिए बड़ा मामला बताते हुए अपने पत्र में उन्होंने परमबीर सिंह की जांच करने का आग्रह मुंबई के मौजूदा पुलिस कमिश्नर से की है।
तब की जांच में फोन नहीं किया शामिल
हमले के दौरान मुंबई के ताजमहल पैलेस होटल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस समेत अन्य जगहों पर करीब 15 देशों के 169 लोग मारे गए थे। इधर अब पूर्व डीजीपी परमबीर सिंह पर ताजा खुलासे के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। रिटायर्ड एसीपी ने यह भी कहा है कि ये वही फोन था जिससे अजमल कसाब को पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे। इस मोबाइल फोन से हमले के पीछे पाकिस्तान और भारत में आतंकियों के हैन्डलर का खुलासा हो सकता था। परंतु ये फोन जांच में शामिल ही नहीं हुआ था। उस समय कसाब के मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर महालय कर रहे थे, जिन्हें परमबीर सिंह ने ये फोन जांच के लिए दिया ही नहीं था।