21 घंटे बंधक रहे सीतामढ़ी के लगन को नेपाल ने छोड़ा, सामने आई बर्बरता

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नयी दिल्ली : बिहार में सीतामढ़ी जिले में बॉर्डर पर दिखाई गई नेपाली सेना की बर्बरता की आज विभत्स तस्वीर सामने आई। कल भारतीयों पर आंधाधुंध फायरिंग करने वाली नेपाली सेना ​अपनी करतूत के दौरान जिस एक भारतीय नागरिक को बंधक बना लिया था, उस बिहारी को आज शनिवार की सुबह उसने छोड़ दिया। लेकिन नेपाल की कैद से भारत आकर इस बिहारी ने जो वहां की सेना और पुलिस की नीचता का खुलास किया, वह काफी शर्मनाक और चौंकाने वाला है।

सीतामढ़ी प्रशासन और भारत के दबाव के आगे झुकना पड़ा

नेपाली सेना की कैद से छुटे इस बिहारी शख्स का नाम लगन किशोर है और वह सीतामढ़ी के सोनबरसा थाने के जानकीनगर का रहने वाला है। सोनबरसा के बीडीओ और थानाध्यक्ष कागजी प्रक्रिया के बाद आज शनिवार को तड़के 4 बजे नेपाल से लगन को लाकर उसके घर पहुंचाया।
लगन किशोर ने भारत पहुंचकर बताया कि नेपाली पुलिस उससे जबरदस्ती यह कबूल करवाना चाहती थी वो नेपाल सीमा में जबरन घुसा है। इसके लिए लगन किशोर के साथ बेहरमी से मारपीट भी की गई। लगन किशोर ने बताया कि नेपाल पुलिस ने काफी टॉर्चर किया लेकिन मैं टूटा नहीं, जिसके बाद हार कर नेपाली सेना और पुलिस को उसे छोड़ना पड़ा।

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टॉर्चर कर मनमाना कबूलनामा करवाना चाहता था नेपाल

विदित हो कि कल शुक्रवार को भारत-नेपाल बॉर्डर पर ग्रामीणों की झड़प के बाद नेपाली पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग कर 4 भारतीयों को हताहत कर दिया। इसमें से एक की मौत हो गई। इसके अलावा नेपाली सेना और पुलिस एक भारतीय शख्स लगन किशोर को बंधक बनाकर भी लेती गई थी। इसका पता कल देर रात चलने के बाद सोनबरसा थानाध्यक्ष और बीडीओ ने लगातार भारत की ओर से नेपाल पर दबाव बनाया। करीब 21 घंटे बंधक रखने के बाद नेपाली सेना को मजबूरन भारतीय सिविलियन लगन किशोर को छोड़ना पड़ा।

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