2021 में जातीय आधार पर बिहार में जनगणना, विस में प्रस्ताव पास

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पटना : बिहार में 2021 में होने वाली जनगणना जातीय आधार पर होगी। इस संबंध में नीतीश सरकार ने विधानसभा में जनगणना जातीय आधार पर कराये जाने के लिए एक प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। मुख्यमंत्री ने सदन में इसके लिए प्रस्ताव रखा था। एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास किये जाने के बाद राज्य में चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार का यह लगातार दूसरा मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है।

नीतीश का दूसरा मास्टर स्ट्रोक

अपने पहले मास्टर स्ट्रोक से जहां नीतीश ने एक साथ भाजपा और विपक्ष दोनों को शंट कर दिया था, वहीं अब इस दूसरे सियासी दांव से उन्होंने विपक्ष से मुद्दा ही छीन लिया है। जातीय आधार पर जनगणना कराने की मांग राजद लगातार उठाता रहा है।

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राजद से जदयू ने छीना अहम मुद्दा

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जातीय आधार पर जनगणना को लेकर कई बार सवाल उठा चुके हैं। वहीं नीतीश कुमार भी कई मंचों से यह बात कह चुके हैं कि जातीय जनगणना की जरूरत महसूस हो रही है। वहीं भाजपा नेता और डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी जातीय जनगणना पर विचार करने की बात कह चुके हैं। ऐसे में सीएम नीतीश ने एक तीर से सभी दलों के इस अहम मुद्दे पर कब्जा जमा लिया।

एनआरसी पर प्रस्ताव हो चुका है पास

इसके पहले मंगलवार को बिहार विधानसभा से बिहार में एनआरसी लागू नहीं किए जाने का प्रस्ताव सदन से पास कराया गया था। विधानसभा से अचानक एनआरसी का प्रस्ताव पास कराए जाने के बाद बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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