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2020-21 के मुकाबले 2021-22 में ओपीडी में 27 फीसदी का इजाफ़ा

पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों के लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा प्रदान करने की दिशा में विभाग प्रयत्नशील है। इसको ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय अर्बन हेल्थ मिशन के तहत शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पर्याप्त उपलब्धता एवं आसान पहुँच सुनिश्चित की जा रही है। विभाग के निरंतर प्रयास का नतीजा है कि वर्ष 2020-21 के मुकाबले 2021-22 में ओपीडी में बढ़ोतरी हुयी है।

पांडेय ने कहा कि वर्ष 2020-21 में पूरे राज्य के सभी शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में 6 लाख 17 हजार 754 लोगों ने निःशुल्क ओपीडी सेवा का लाभ उठाया। वर्ष 2021-22 में 7 लाख 85 हजार 386 लोगों ने ओपीडी सेवा का लाभ उठाया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 27 फीसदी अधिक है। वर्ष 2021-22 में 42 हजार 514 लोगों ने हाइपरटेंशन एवं 36 हजार 705 लोगों ने मधुमेह रोग पर ओपीडी सेवा प्राप्त की। साथ ही 41 हजार 282 गर्भवती माताओं ने प्रसव पूर्व देखभाल के लिए शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में अपना पंजीकरण कराय।

पांडेय ने कहा कि लैब टेस्ट के जरिए सही समय पर रोग की पहचान करने एवं इसके सटीक उपचार में सहूलियत होती है। इसको लेकर शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में लैब टेस्ट के लिए जरुरी संसाधनों को सुदृढ़ किया जा रहा है। शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में सेवा प्रदायगी को मजबूत कर स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार की जा रही है। इसमें ओपीडी, गैर-संक्रामक रोग, लैब टेस्ट, प्रसव पूर्व देखभाल, नियमित टीकाकरण एवं परिवार नियोजन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पूरे बिहार में 105 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत है। इसमें 51 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में नेत्र ओपीडी की भी सेवा प्रदान की जा रही है।