15 वर्ष पुराने सरकारी डीजल वाहनों पर रोक : उपमुख्यमंत्री

0

पटना : पुराना सचिवालय स्थित सभागार में बजट पूर्व परिचर्चा की तीसरी कड़ी में पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण प्रक्षेत्र से जुड़े लोगों से विमर्श के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 15 साल पुराने सरकारी डीजल वाहनों के परिचालन को पूरे राज्य में प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही पटना एवं इसके आस पास के नगर निकाय क्षेत्रों दानापुर, खगौल एवं फुलवारीशरीफ में 15 वर्षों से जयादा पुराने व्यावसायिक वाहनों के परिचालन को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। इन क्षेत्रों में डीजल चालित तिपहिया वाहनों के परिचालन को भी मार्च, 2021 के बाद प्रतिबंधित कर दिया जायेगा।

श्री मोदी ने कहा कि डीजल एवं पेट्रोल चालित तिपहिया वाहनों को सीएनजी में तब्दील करने के लिए 40 हजार रुपये, बैट्री चालित में बदलने के लिए 25 हजार व सीएनजी किट लगाने पर 20 हजार रुपये तक एकमुश्त अनुदान देने का प्रावधान किया गया हैं। पटना में गेल के प्रस्तावित 5 आउटलेट में से तीन से सीएनजी की आपूर्ति प्रारंभ हो गयी है।

swatva

गर्दनीबाग में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रोसेसिंग इकाई

प्लास्टिक कैरी बैग राज्य में पहले से ही प्रतिबंधित है। यूएनडीपी तथा हिन्दुस्तान कोका-कोला बिवरेजेज प्रा. लि. द्वारा पटना के गर्दनीबाग में 5 टन प्रतिदिन क्षमता का प्लास्टिक अपशिष्ट प्रोसेसिंग इकाई स्थापित की जा रही है। मेडिकल अपशिष्टों के प्रबंधन के लिए चार सामूहिक उपचार केन्द्र पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर व गया में कार्यरत हैं। इसके अलावा भोजपुर व मधेपुरा में दो और केन्द्र स्थापित किए जायेंगे।

परिवेशीय वायु गुणवत्ता के अनुश्रवण के लिए पटना, मुजफ्फरपुर व गया में पहले से कार्यरत एक-एक के आलावा पटना में 5 तथा हाजीपुर एवं गया में एक-एक केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं। शीघ्र ही मुजफ्फरपुर में एक और नया केन्द्र काम करने लगेगा। उपजाऊ उपरी मृदा के संरक्षण के लिए सभी सरकारी भवनों में फ्लाई ऐश आधारित उत्पादों का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जायेगा।

बैठक में यूएनडीपी, गेल, आईओसी, भारत पेट्रोलियम, बुडको, ब्रेडा, प्लास्टिक मैन्युफैक्चर्स व रिसाइकलिंग इंडस्ट्रीज,बीआईए, बिहार चैम्बर आॅफ काॅमर्स व स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा. ए के घोष, वित्त विभाग के प्रधान सचिव डा. एस सिद्धार्थ, वन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह आदि शामिल थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here