10 को चंद्रग्रहण : कांति होगी मलीन, लेकिन बेदाग रहेगा चांद

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पटना : 2020 का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण शुक्रवार 10 जनवरी को लगेगा। ग्रहण रात 10:37 बजे शुरू होगा और सुबह 02:42 तक चलेगा। यानी इस साल का यह पहला ग्रहण चार घंटे 5 मिनट तक रहेगा। महत्वपूर्ण बात यह कि इसबार का चंद्रग्रहण मांघ ग्रहण कहलाएगा क्योंकि इस दौरान चांद की कांति कुछ मलिन तो हो जाएगी परंतु इसका कोई भी भाग ग्रस्त नहीं होगा। इसे उपच्छाया ग्रहण भी कहते हैं। यही कारण है कि भारत में इसके बेअसर रहने की बात कही जा रही है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 10 जनवरी का चंद्रग्रहण उपच्छाया वाला है जिसे हम नंगी आंखों से भी देख सकते हैं। इसमें चांद थोड़ा मलीन दिखेगा। उनके अनुसार जहां ग्रहण स्पष्ट दिखाई देता है, उसका फलाफल भी वही लागू होता है। इसलिए बिहार या भारत में कहीं भी इस ग्रहण का असर नहीं होगा। हां, हिंदू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में निभाऐ जाने वाले सारे नियम और कायदों का पालन करना श्रेयष्कर ही होगा।

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ग्रहण पश्चात गंगा स्नान और दान से लाभ

ग्रहण पश्चात यानी 11 जनवरी की सुबह गंगा स्नान और फिर दान वगैरह यदि हम करें तो इससे काफी फल मिलेगा। चन्द्र ग्रहण के बाद स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। चन्द्र ग्रहण के बाद गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी का दान करना शुभ माना गया है। किसी भी ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक के समय को ग्रहण काल माना जाता है। लेकिन इसबार का चंद्र ग्रहण भारत में उपच्छाया वाला है। अतएव इसका कोई सूतक काल नहीं होगा।

चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक कारण

खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध पर आते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्र ग्रहण होता है। इसी प्रकार जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है यानी सूर्य के प्रकाश को आशिंक या पूरा कुछ समय के लिए रोक लेती है तो सूर्य ग्रहण होता है।

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