पटना : बिहार में नगरपालिका अधिनियम संशोधन से वार्ड पार्षदों को गहरा झटका लगा है। इस संशोधन से सरकारी ठेकों में स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों की दखलंदाजी खत्म हो जाएगी
जानकारी हो कि बिहार सरकार ने नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 53 में संशोधन कर दिया है। वहीं सरकार के इस निर्णय से वार्ड पार्षदों को गहरा झटका लगा है। सरकार के इस फैसले के बाद वार्ड पार्षद लाखों – करोड़ों का ठेका न तो खुद ले सकेंगे और न ही परिवार के किसी सदस्य को दिला सकेंगे।
मालूम हो कि पिछले कुछ ऐसे कई मामले विभाग और सरकार तक भी पहुंचते रहे हैं। इन्हीं सबको देखते हुए राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका विधेयक में कई संशोधनों में इसे भी शामिल किया गया है।
अब कोई भी वार्ड पार्षद अब ऐसी किसी निविदा के निस्तारण संबंधी समिति की बैठक का हिस्सा नहीं बन सकेंगे, जिससे उन्हें या उनके परिवार के किसी सदस्य को सीधा लाभ पहुंचता हो।
बता दें की इससे पहले ऐसा देखा जाता है कि कई मामलों में तो वार्ड पार्षद खुद या उनकी पत्नी या फिर बच्चे खुद ठेकेदारी कर रहे हैं। इस तरह लाखों-करोड़ों रुपये का बंदरबांट हो जाता है।काम भी सही तरीके से नहीं हो पाता है।