डीआरटीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा, इन जिलों के नोडल पदाधिकारी रहे मौजूद
पटना : क्षय रोग एवं जीवाणु जनित अन्य गंभीर बीमारियों जिस पर सामान्य दवाओं का असर नहीं होता है उनके उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे दस दिवसीय राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत 22 जून यानी बुधवार को बिहार की राजधानी में एक बैठक आयोजित की गई। यह कार्यक्रम बिहार में पिछले 13 जून से चल रहा है।
राजधानी पटना पाटलिपुत्र कॉन्टिनेंटल में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत क्षय रोग एवं जीवाणु जनित अन्य गंभीर बीमारियों जिस पर सामान्य दवाओं का असर नहीं होता है उनके उन्मूलन के लिए बिहार राज्य कई जगहों के डीआरटीबी नोडल अधिकारियों को समीक्षा मीटिंग आयोजित की गई। इस समीक्षा बैठक में डब्ल्यूएचओ के चिकित्सक भी मौजूद रहे। इसके साथ ही इस समीक्षा बैठक में आईजीआईएमएस और पीएमसीएच के चिकित्सा पदाधिकारियों को भी शामिल होना था लेकिन किसी अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके।कार्यक्रम के तहत जिन स्थान के नोडल अधिकारियों की मीटिंग आयोजित की गई है उसमें पटना, भोजपुर, बक्सर, वैशाली, लक्खीसराय,बेगुसराय और जहानाबाद शामिल है।इसमें एनटीईपी बिहार के प्रशिक्षण इंचार्ज और टीबीडीसी पटना के मेडिकल आफिसर डॉ. रविशंकर की उल्लेखनीय भूमिका रही।
इस दौरान इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत में डीआरटीबी तथा अन्य जीवाणु जनित रोगों के उन्मूलन की दिशा में हुए आधुनिक शोधो/अन्वेषणों से परिचित कराया गया। इसकी लक्ष्य प्राप्ति में आधुनिक शोध और वैज्ञानिक जांच को बेहद जरूरी बताते हुए पैथेलॉजी और लैब तकनीक की अनिवार्यता और उत्कृष्टता को सशक्त हथियार के तौर पर अपनाने की जरूरत है। इसके लिए लैब तकनीक और उसे अंजाम देने वाले दक्ष लोगों को समय—समय पर ट्रेनिंग से गुजरना आवश्यक है। ताकि वे काम को अंजाम देते समय पर्याप्त सावधानी और हर पहलू पर गहन जांच और शोध की विधि सहजता से अपनाएं।