भाजपा नेता ने तेजस्वी से कहा- घोटाले के पैसे का अन्न खाने से मन भी वैसा ही होता है
पटना: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने तेजस्वी यादव को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना देते हुए निशाना साधते हुए कहा कि अगर घोटालों के पैसा का अन्न खाइएगा तो मन भी वैसा ही होगा। इसलिए बिहार सरकार के द्वारा कोरोनावायरस वैश्विक महामारी में बिहार की जनता को बचाने के लिए किये गए ईमानदार प्रयास में भी आपको कमीशन और घोटाला नजर आता है, बाढ़ राहत में सरकार दिन-रात मदद पहुंचाने में लगी है। आपको काम दिखाई नहीं पड़ता है, सिर्फ आपको घोटाला नजर आता है।
भाजपा नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव जी को सरकार के हर अच्छे कामों में कमी निकालने की आदत बन गई है। ये वैसा ही लगता है जैसे चोर के दाढ़ी में तिनका नजर आता है। उसी तरह से सिर्फ घोटाला और कमीशन आपको नजर आता है।
सिंह ने कहा कि आपको अपने परिवार में घोटाले और कमीशन का जो ट्रेनिंग मिला है, उसके जैसा आपका मन हो गया है।और हर जगह आप घोटाला कमीशन और गुंडागर्दी यही आपको नजर आता है। आप बिहार को पूरे देश से मूल्यांकन कीजिए और आप देखेंगे कि बिहार में सबसे ज्यादा टेस्ट हो रहा है, बिहार में मृत्यु दर कम है, इतना ही नहीं बिहार में बाढ़ जैसे विपदा के होते हुए भी कोरोना संकट में हमारे डॉक्टर हमारे स्वास्थ्य कर्मी हमारे सफाई कर्मी, हमारा पुलिस एवं बिहार सरकार के कर्मचारी अपने जान को जोखिम में डालकर बिहार के जनता के सेवा में लगे हुए हैं।
अरविन्द सिंह ने कहा कि बिहार सरकार अपने सारे मंत्रिमंडल को बिहार की जनता की सेवा के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं, सारे डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, एनएम और हमारे स्वास्थ्य, सेवा तथा सफाई सेवा से जुड़े हुए कर्मचारी ,आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, पुलिस, बिहार संवर्ग के सेवा पदाधिकारियों को कोरोना और बाढ़ जैसे विपदा में पूरे बिहार में लगाए गए हैं।
लेकिन, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आप यह बताएं कि आप किस अस्पताल में जाकर की एक बार देख भाल किये हैं, अपना चुनाव क्षेत्र में आप कब गए हैं।
सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आप बिहार में एक जिम्मेदार पद पर हैं, माना कि आपमे घोटालों के अन्न का असर आपके मन मस्तिक मे आ गया है। लेकिन आप एक बार उन सारे सेवा कर्मियों को चाहे जिस विभाग का जिस डिपार्टमेंट को हो एक बार दिल से धन्यवाद और प्रोत्साहन तो कर दीजिए जिससे उनके अंदर काम करने की शक्ति और जागृत हो, और तारीफ कीजिए उन सेवा कर्मियों का, ऐसा नहीं कि हर जगह वोट पाने के लिए आप कटाक्ष करते रहिए ।
इसीलिए कहा जाता है कि जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन।