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पलामू: कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर मॉकड्रिल आयोजित

पलामू : कोरोना वायरस का कहर भारत में बढ़ता ही जा रहा। पुरे भारत में अब 5,194 लोग इसके चपेट में आ चके है। वहीं बात करे इस वायरस से हुई मौत का तो यह आकड़ा 150 से ऊपर जा चुकी है। भारत सरकार इसके रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। डॉक्टरों और सरकार के सहयोग से अब तक पुर भारत में 300 से अधिक मरीजों ने इस वायरस रूपी बिमारी को मात दे घर भी जा चके है। इस बिच झारखण्ड के पलामू जिला मुख्यालय में कोरोना वायरस(COVID-19) के संक्रमण की रोकथाम को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन भी किया गया। इस मॉक ड्रिल में उपायुक्त डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि, आरक्षी अधीक्षक अजय लिंडा, मेदिनीनगर नगर निगम के नगर आयुक्त दिनेश प्रसाद, सिविल सर्जन डा. जॉन एफ केनेडी सहित विशेषज्ञ चिकित्सक, प्रशासनिक पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य कर्मी शामिल रहे।

चलाया गया जागरूकता अभियान

जागरूकता अभियान के माध्यम से 108 ...स्थानीय चियांकी स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल परिसर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में संभावित और चिन्हित मरीज के मद्देनजर विभिन्न तैयारियों और व्यवस्थाओं को लेकर पूर्वाभ्यास किया गया। इसके माध्यम से जाना गया कि कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज पाए जाने पर उस मरीज का किस तरिके से इलाज किया जाएगा और कैसे आइसोलेट किया जा सकेगा। देर शाम आयोजित मॉक ड्रिल में कोरोना वायरस संक्रमण के संभावित मरीजों के त्वरित उपचार हेतु की जाने वाली प्रयास का पूर्वाभ्यास किया गया। इसके माध्यम से यह कोशिश की गई कि कोरोना के मरीज को कैसे एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाया जा सकता है और उन्हें कैसे आइसोलेट किया जाएगा। इसमें क्या-क्या सावधानी बरतनी है। इसकी जानकारी दी गई। इसके अलावा सैनीटाइज करने, मास्क, टोपी आदि से एहतियात बरतने की जानकारी भी दी गई।

मॉक ड्रिल के लिए 3 किलोमीटर पर कंटेन्मेंस जोन एवं 7 किलोमीटर पर बनाया गया बफर जोन

Buffer zone - Wikipediaमॉक ड्रिल के लिए 3 किलोमीटर पर कंटेन्मेंस जोन एवं 7 किलोमीटर पर बफर जोन बनाया गया था। दोनों जोन में 26-26 टीमें लगी हुई थी, ताकि मरीज का ट्रैकिंग किया जा सके और उसके बाद उन्हें आइसोलेट किया जा सके। उसके बाद मैनेजमेंट ऑफ पेशेंट की टीम मरीज की जांच की। 7 किलोमीटर की सीमा में त्रिस्तरीय टीमें लगी थी। पहली टीम घर-घर जाकर संभावित मरीजों का सर्वेक्षण कर रही थी। वहीं दूसरी टीम क्विक रिस्पांस टीम थी, जो मरीजों की देखभाल और उनके उपचार के संबंध में चिकित्सक के निर्णय पर कार्रवाई कर रही थी।

तीसरी टीम सर्विलांस टीम थी, जो चलंत रूप में पहली टीम के सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर संभावित मरीजों के संबंध में निर्णय ले रही थी एवं जरूरत पड़ने पर ऐसे संभावित लोगों को आइस्यूलेशन सेंटर में तत्काल शिफ्ट करने का जिम्मा था। दूसरी ओर सिविल सर्जन के नेतृत्व में विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम थी, जो संभावित मरीज के स्वास्थ्य जांच के उपरांत यह निर्णय ले रही थी कि संभावित मरीज स्वाब के नमूने लेकर रिम्स रांची को भेजा जाए।

इस मॉक ड्रिल के दौरान चिकित्सकों, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों ने साबित किया कि COVID-19 के संक्रमण की स्थिति में पलामू जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार त्वरित गति से किया जा सकेगा।

मॉक ड्रिल के समय वे अपने-अपने घरों में रहें लोग

उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने ...इस संबंध में पलामू उपायुक्त डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि ने स्पष्ट किया किया कि पलामू जिले में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण का कोई भी पॉजिटिव केस नहीं है। इसके बावजूद भी सरकार के निर्देशानुसार इस महामारी का मुकाबला करने के लिए पलामू जिले का प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से तैयार है। हरेक स्तर पर टीमें अपनी दायित्वों के प्रति तत्पर है एवं किसी भी परिस्थिति में किसी भी संक्रमित व्यक्ति का त्वरित उपचार संभव है। यह मॉक ड्रिल मात्र कोरोना संक्रमण से उपजी संभावित परिस्थितियों को लेकर तैयारियों से संबंधित था।

उन्होंने लोगों से अपील किया है कि मॉक ड्रिल के समय वे अपने-अपने घरों में रहें। अनावश्यक रूप से न खुद बाहर निकलें और न ही दूसरों को निकलने दें। ताकि तेज गति से आने जाने वाली रिस्पांस टीम की गाड़ियां, एंबुलेंस इत्यादि की आवाजाही से किसी को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो। सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ केनेडी ने कहा कि वर्तमान समय तक पलामू में एक भी कोरोना पॉजेटिव केस नहीं है। फिर भी गठित टीम के द्वारा की जाने वाली त्वरित कार्रवाईओं के लिए मॉक ड्रिल कराना जरूरी है।