पितरों को तर्पण के लिए गया तैयार, जानें कब से शुरू होगा पितृपक्ष?
पटना/गया : आश्विन कृष्णपक्ष प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पंद्रह दिन पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है। पितृपक्ष के पंद्रह दिनों में लोग अपने पूर्वजों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। श्रद्धया इदं श्राद्धम्…
पर्यावरण सरंक्षण को जीवन शैली का हिस्सा बनाएं : सुशील मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगोलिया की राजधानी उलानबाटर में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन “पर्यावरण जागरूकता” विषय पर बोलते हुए कहा कि हिन्दू और बौद्ध परपंरा में लोग वृक्ष, जीव-जंतु, पहाड़, नदी की पूजा करते हैं।…
2 सितंबर को ही मनेगी हरतालिका तीज, जानें क्या कहते हैं शास्त्र!
हिन्दी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। सनातन धर्म में व्रतों के संबंध में निर्णय सिंधु ग्रंथ के माध्यम से निर्णय मान्य होता है। इस ग्रंथ…
इस बार जन्माष्टमी पर खास संयोग! जानें, तिथि और शुभ मुहूर्त
भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 23 और 24 अगस्त, 2019 को पूरी श्रद्धा व भक्ति से मनाया जाएगा। 23 अगस्त को गृहस्थ और 24 अगस्त को साधु-संत रखेगें व्रत। श्रीकृष्ण…
मचान की बतकही में बोले नीलोत्पल मृणाल— ‘लेखक समाज का डॉक्टर’
पटना : लेखक समाज का डॉक्टर होता है, जो समाज की नब्ज पहचानता है और फिर उसकी दवाई लेखन के रूप में उतारता है। उक्त बातें गुरुवार को मचान द्वारा आयोजित बतकही में चर्चित युवा साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल ने कहीं।…
16 को पूर्णिमा और चंद्रग्रहण का दुर्लभ संयोग, जानें कब क्या!
16-17 जुलाई मंगलवार की रात्रि भारत में इस वर्ष का पहला चन्द्र ग्रहण लगेगा। इस दिन गुरू पूर्णिमा होने से चन्द्र ग्रहण का विशेष महत्व है। यह ग्रहण लगभग तीन घंटे तक रहेगा। आषाढ़़ माष की पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व…
पुण्यस्मृति : साहित्य के भीष्म थे साहनी
भीष्म साहनी एक नाम था, जिसे आम लोगो की आवाज़ उठाने के लिए जाना जाता है। भीष्म साहनी को हिंदी के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद की परम्परा को आगे बढ़ाने वाले साहित्यकार के तौर पर जाना जाता है। साहनी भी…
नाच कांच बा बात सांच बा, ‘बिहारनामा’ में याद आए भिखारी
पटना : ‘नाच कांच बा, बात सांच बा।’ यह कहावत भिखारी ठाकुर द्वारा नाटक मंचन के दिनों कहा जाता था। हमारे लोकगीतों में जो कहानियां निहित थीं, उसको भिखारी ठाकुर ने नाटक के माध्यम से लोगों के सामने लाया। बिदेशिया…
21वीं सदी में जीवंत हुई वैदिक कालीन शास्त्रार्थ परंपरा
पटना : ‘वादे वादे तत्व बोधा:’ अर्थात विचार—विमर्श से ही तत्व का ज्ञान होता है। ऐसा हमारे पूर्वजों ने स्थापित किया है। मुंडे मुंडे मति भिन्ना यानी अभिव्यक्ति का अधिकार हमारे यहां प्राचीन काल से है। कोई भी परिवर्तन रक्तपात…
योग दिवस का आंखों देखा हाल, …अब धीरे—धीरे सांस छोड़ें… मेरी फोटो खींच लो!
सुबह के छः बज चुके हैं। सैकड़ों की संख्या में लोगों का पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में आगमन हो रहा है। कई लोग पैदल, तो कई लोग अपने वाहन से यहाँ तक पहुँच रहे हैं। यहां हज़ारों की संख्या में पहूंचने…