गलत फिल्म को गलत कहने के लिए समीक्षा जरूरी : विनोद अनुपम
निष्पक्ष समीक्षा के अभाव में बनेंगी हिंसक फिल्में पटना: पटना पुस्तक मेले में चल रहे फिल्म फेस्टिवल के अंतर्गत सोमवार को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम ने मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बात रखी। फिल्म फेस्टिवल के…
फिल्मों पर बातचीत के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समय: प्रो. जय देव
पटना: बांग्ला भाषा में पुस्तक और फिल्म के लिए एक ही शब्द है- बोई। इस लिहाज से फिल्मों पर बातचीत के लिए पुस्तक मेले से बेहतर स्थान अन्य कोई नहीं हो सकता। यूं तो फिल्मों पर बातचीत शुरू से ही…
मैथिली फिल्म ‘लोटस ब्लूम्स’ का फ्रांस में जलवा, मिले चार पुरस्कार
हाल के दिनों में मैथिली सिनेमा में नई बयार बहने लगी है। इसी कड़ी में विगत वर्ष आई मैथिली फिल्म ‘लोटस ब्लूम्स’ की धूम अब भारत के बाहर भी मची है। हाल ही में फ्रांस में संपन्न ‘गंगे सुर गैरॉन’…
‘बाल फिल्में देखना बड़ों की सामाजिक जिम्मेदारी’
बाल दिवस विशेष प्रशांत रंजन परामर्शदातृ समिति सदस्य केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड भारतीय सिनेमा हर आयु वर्ग के लोगों के दिलों को स्पर्श करता है। धार्मिक विषयों से आरंभ हुई भारतीय सिनेमा की यात्रा अब तक कई पड़ावों से गुजर…
बिहार केंद्रित विषयों पर बनने वाली फिल्मों को मिलेगी मदद : हरजोत कौर
पटना : बिहार संग्रहालय में चल रहे दो दिवसीय बाल फिल्म महोत्सव का गुरुवार को समापन हुआ। प्रतीक शर्मा निर्देशित मैथिली फिल्म ‘लोटस ब्लूम्स’ का प्रदर्शन हुआ एवं उसके बाद निर्देशक के साथ बातचीत रखी गई, जिसमें बाल दर्शकों ने…
बाल फिल्म महोत्सव में बोले मंत्री, जिला स्तर पर दिखाई जाएंगी फिल्में
जल्द तैयार होगी बिहार फिल्म नीति : मंत्री बच्चों का चीजों को देखने का जो नजरिया होता है, वह बिलकुल अलग : अंजनी कुमार सिंह राज्य में बनने वाली फिल्मों को सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा : अपर मुख्य सचिव…
दि वैक्सिन वाॅर : मिथ्या प्रचार पर वार
प्रशांत रंजन भारतीय सिनेमा को प्रायः जीवन का उत्सव कहलाने का सुख प्राप्त है। वहीं, इस सिनेमा के यथार्थवादी स्वरूप को समकालीन समाज का दर्पण होने का अधिकार भी है। विवेक रंजन अग्निहोत्री की ताजा फिल्म ’दि वैक्सिन वाॅर’ यथार्थवादी…
हिंदी पर सुंदर बिंदी लगाता सिनेमा
हिंदी दिवस विशेष हिंदी फिल्मों ने हिंदी भाषा का क्षितिज विस्तार किया है प्रशांत रंजन परामर्शदातृ समिति सदस्य केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड करीब चार वर्ष पहले की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी-2019 में मुंबई स्थित ’नेशनल म्युजियम आॅफ इंडियन…
गुरु बसवन्ना पर नाट्य रूपक में लाडो बानी पटेल का जलवा
पटना : समाज सुधारक महात्मा बसवेश्वर के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका में बिहार की मशहूर बाल कलाकार व मिनी मॉडल लाडो बानी पटेल ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। बसव साहित्य परिषद की ओर से कालिदास…
धीरज व समझ मांगती है ‘७२ हूरें’
प्रशांत रंजन फिल्म अध्येता सिनेमा अपने आरंभिक दिनों से ही मानवीय, सामाजिक, रानीतिक विचारों का संवाहक रहा है। डेविड ग्रिफिथ की ’बर्थ ऑफ़ ए नेशन’ (1915) से विचारों का फिल्मांकन जो शुरू हुआ, उसने आगे चलकर जर्मन अभिव्यक्तिवाद, इतालवी नवयथार्थवाद,…