व्यंग : चुनाव पूर्व नेताओं में मची जनता का सेवक बनाने की होड

1

बक्सर : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चूका है, सभी राजनीतिक दल दिल्ली से पटना तक लगातार बैठके कर रही है। सीटों के बटवारे को ले सभी प्रमुख गठबंधनों में खींचा-तानी चल रही है।

पिछले दिनों तो हद ही हो गई एक गठबंधन के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीटों के बटवारे का एलान होते ही एक घटक दल के नेता बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में मन मुताबिक सीट नहीं मिलने पर भड़क गए। फ़िलहाल स्थिति देख लगता है, चुनाव से ज्यादा दिलचस्प सीटों का बटवारा ही हो गया है।

swatva

गठबंधनों के नेता सीटों के लिए आपस में मारा-मारी पर उतारू हैं। क्योंकि वे जनता की सेवा अधिक से अधिक करना चाहते हैं। कोई इस बात के लिए तैयार नहीं कि उसे कम सीट मिले या सेवा का मौका कम मिले। बिहार के प्रमुख गठबंधन से कुछ राजनीतिक दल हाल के दिनों में अलग हो चुके हैं। उन्हें लगता है, राजनीतिक हैसियत के हिसाब से उन्हें कम सीट दी जा रही है।

बिहार की जनता को गठबंधनों की लड़ाई से कोई ज्यादा वास्ता नहीं है, भले ही जो राजनीति आज से पहले बंद कमरों में हुआ करती थी वह अब खुलेआम होने लगी है। बिहार की जनता मुद्दों से ज्यादा नेता और उसकी जाति को तवज्जो देती है। जिसका परिणाम है, विभिन्न जाति के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टियां अपना-अपना राग अलाप रहे हैं।

अविनाश उपाध्याय

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here