छपरा : छपरा शहर में थाना चौक से योगिनिया कोठी होते हुए कचहरी स्टेशन तक 1.220 किलोमीटर की दूरी में 11 करोड़ 53 लाख 42 हजार की अनुमानित लागत से बनने वाले पथ के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इसमें साढ़ा ढाला ब्रिज से लेकर दुर्गा मंदिर तक 14 मीटर चौड़ा लगभग फोरलेन सड़क बनेगी तथा इसके आगे भी थानाचौक तक दो लेन सड़क बनेगी। इसके साथ ही पथ के दोनों तरफ चेकर टाइल सहित नाले का निर्माण किया जाएगा तथा पथ अंतर्गत 2 गोलम्बर को पूर्ण विकसित किया जाएगा। साथ ही लगभग 1 किलोमीटर नाले के ऊपर की जमीन का उपयोग फुटकर विक्रेताओं के लिए किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पूरे पथ पर रोड मार्किंग के साथ रोशनी की व्यवस्था होगी।
जिला पदाधिकारी सारण छपरा द्वारा मई माह में जिले में पदभार ग्रहण करने के बाद ही इस महत्वपूर्ण लेकिन जर्जर सड़क पर उनकी नजर पड़ी। अविलंब उन्होंने विभाग से इस संबंध में प्रचार किया। इसी क्रम में प्रधान सचिव तथा पथ निर्माण विभाग बिहार सरकार द्वारा मई महीने में इस जिले में समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी के अनुरोध पर उक्त पथ निर्माण हेतु स्थलीय निरीक्षण किया गया था तथा श्री साधु शरण कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल छपरा द्वारा व्यक्तिगत रूचि दिखाते हुए छपरा नगर-निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर मुख्यालय में कैंप कर उक्त निर्माण हेतु प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त की गई।
लगभग 1 माह के अंदर निविदा की सारी प्रक्रिया पूरी कर पथ निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। उक्त पथ निर्माण से शहर की सुंदरता में दो चार चांद लग जाएगा ही साथ ही उक्त मार्ग पर आए दिन होने वाले जाम से भी मुक्ति एवं यातायात सुगम होगा।इसके साथ ही जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में थाना चौक से कटहरी बाग तक पथ निर्माण हेतु कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल छपरा द्वारा मुख्य अभियंता अधीक्षण अभियंता से स्वीकृति कराकर सभ्यता प्रतिवेदन विभाग को दिया गया है या लगभग आठ करोड़ का प्रोजेक्ट है जिसमें मुख्यालय स्तर पर कार्रवाई चल रही है उक्त पथ निर्माण में भी नाले एवं उसके ऊपर फुटपाथ की सुविधा आम जनों को उपलब्ध कराई जाएगी उम्मीद है कि अगले माह में इस पथ का निर्माण भी पूर्ण हो जाएगा।
यदि दोनों पथों के निर्माण हो जाने से एक ओर जहां शहर की यातायात व्यवस्था सही ढंग से होगी वहीं दूसरी ओर फुटपाथ विक्रेताओं को भी काफी सहूलियत होगी जिससे शहर और व्यवस्थित होगा साथ ही नाला बन जाने से शहर के बीचोबीच जलजमाव की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी।