छपरा : सीमा पर शहीद हुए वीर जवान संतोष की याद में रिविलगंज मीडिल स्कूल के निकट उनकी प्रतिमा के पास 1001 दीये जला सामाजिक संगठन सोशल सर्विस एक्सप्रेस के युवाओं ने इस बार की दिपावली को यादगार बना दिया। इस मौके पर लोगों ने कहा कि देश की रक्षा में शहीद संतोष सिंह शौर्य, पराक्रम व समर्पण के प्रतीक थे। शहीद के नाम का पहला दीया शहीद संतोष की बेटी सीमा सिंह ने नम आंखों से अपने पिता को समर्पित किया। शहीद संतोष के भाई श्री विनोद सिंह ने अपने भाई को याद करते हुये कहा कि भारत माता की रक्षा के लिये मैंने अपने भाई को खोया है। मुझे अपने भाई पर गर्व है। संस्था के सदस्यों व स्थानीय लोगों ने दीप जलाकर शहीद संतोष को श्रद्धांजलि दी। हर दिवाली पर संस्था द्वारा शहीदों के नाम का दीया जलाया जाता है। संस्था के भंवर किशोर ने कहा कि शहीद संतोष हमारी शान हैं। हमें उनके शहादत पर गर्व है। देश उनको नमन करता है। शहीद संतोष कुमार सिंह रिविलगंज के शमसुद्दीनपुर के निवासी थे। अक्टूबर, 1999 में सेना मे शामिल शहीद संतोष ने भारत माता की रक्षा के लिये 27 मार्च, 2003 को अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। कार्यक्रम में कोस्ट गार्ड में तैनात अर्जुन कुमार,मनोज सिन्हा,अशोक, विनोद, मुकेश, रौशन,विकास सहित कई लोग मौजूद रहे।
दिवाली के दिन पटाखा से कई हुए घायल
सारण में इस बार की दीपावली हादसों की भी गवाह बनी। दिवाली के दिन पटाखा फोड़ने के दौरान घायल होकर दर्जनों बच्चे तथा बूढ़े इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे। वहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बताया कि नगर थाना क्षेत्र के पुरानी गुवाहाटी निवासी लक्ष्मण प्रसाद के 42 वर्षीय पुत्र मनोज कुमार तथा मशरख के महरौली से भोला सिंह के 70 वर्षीय पुत्र सुजीत सिंह पटाखे की आतिशबाजी से घायल हो गए। उन्हें प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया। अन्य छोटी—मोटी घटनाओं में दर्जन भर से ज्यादा बच्चे उपचार के लिए पहुंचे।