वीटीआर के रघिया वन प्रक्षेत्र में मंगलवार की संध्या में गंभीर रूप से घायल एक बाघिन का शव मिलने से पूरे वन प्रशासन सकते में आ गई है। उसकी लाश गोबर्द्धना थानाक्षेत्र के घोडाघाट गांव की मुख्य सड़क के पश्चिम दिशा मिली। जंगल के कक्ष संख्या आर 64 के पास 8 नंबर नर्सरी से उसको मृत अवस्था में देखा गया।
जहां एक ओर बाल्मीकि व्याघ्र के अधिकारी अपने यहां बाघों की बढ़ती संख्या से खुश थे। वहीँ एक मादा बाघ की मौत से उनकी बढ़ोतरी पर प्रश्नचिन्ह लग गया। उसे वहां से लाकर गोबर्द्धना कार्यालय में पोस्टमार्टम कराया गया। जहां परीक्षण में पशु चिकित्सक को श्वासनली और फेफड़ा भी क्षतिग्रस्त पाया। गर्दन और पेट सहित शरीर के पांच, छह जगहों पर भी नाखून से बने गहरे निशान मिले। वन अधिकारियों को उसके मौत के पीछे किसी बाघ या बाघिन की आपसी लड़ाई होने की संभावना है। या फिर किसी बाघ से बाघिन ने अपने नर शावक की रक्षा के दौरान गंभीर रूप से घायल हुई। नतीजा उसके शरीर काफी खून निकल गया। जिससें उसकी मौत हो गई। वह पूरी तरह से वयस्क हो चुकी थी। जिसका वजन लगभग 50 किलों पाया गया।
इस संबंध में बगहा दो पशु अस्पताल के पशु चिकित्सक एसबी रंजन ने बताया कि मृत बाघिन की लाश में गर्दन और पेट आदि हिस्सों पर नाखून के निशान मिले। उसके शरीर में खून भी काफी कम मात्रा में मौजूद पाया गया। इस बाबत वीटीआर प्रमंडल एक के उप निदेशक सह डीएफओ अम्बरीश कुमार मल्ल ने बताया कि मंगलवार संध्या में मृत पाई गई उस बाघिन की मौत किसी दूसरे बाघ या बाघिन से लड़ाई की आशंका हैं। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इस वजह से उसकी मौत हो गई।