नवादा : जो इमानदारी पूर्वक मेहनत करता है सफलता उसकी कदम चूमती है इस उक्ति को साबित कर दिखाया है जाने माने पत्रकार व साहित्यकार वारिसलीगंज के मकनपुर निवासी रामरतन प्रसाद सिंह रत्नाकर का पौत्र व पत्रकार सुजीत एवं स्वर्णलता देवी का पुत्र सौरभ ने।
देश स्तर पर प्रति वर्ष आयोजित होने वाली क्लैट की नामांकन परीक्षा में सौरभ ने प्रथम प्रयास में ही सफल घोषित हो गया। अपने लाल की इस सफलता से रत्नाकर परिवार में काफी खुशी देखी गई। शुक्रवार की शाम परीक्षा परिणाम आने के बाद मकनपुर में जश्न से माहौल देखा गया। सौरभ ने प्रथम प्रयास में ही भारत सरकार के लॉ यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों मैं नामांकन के लिए ली जाने वाली क्लैट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर जिले का मान बढ़ाया है।
सौरभ की 10वीं तक की पढ़ाई वारिसलीगंज स्थित सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल विवेकानंद पब्लिक स्कूल में हुई।
बाद डीएवी बोकारो से आर्ट्स विषय से इंटर की परीक्षा में अच्छा नंबर से पास करने के बाद अपने चाचा आईआरपीएस अधिकारी दिल्ली जाकर संजीव कुमार के निर्देशन में क्लैट को लक्ष्य बनाकर तैयारी में जुट गया। क्लैट की परीक्षा पास करने के लिए दिल्ली में ही 9 माह तक चलने वाली एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करना शुरू किया लेकिन दुर्भाग्यवश उक्त कोचिंग के संचालकों की आपसी खींचतान के चलते मात्र 5 महीना में ही कोचिंग बंद हो गई।
बावजूद लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सेल्फ स्टडी पर भरोसाकर दिनरात मेहनत कर मुकाम हासिल किया।
अपने भतीजा की सफलता से गदगद सौरभ के चाचा आईआरपीएस अधिकारी संजीव कुमार ने कहा की सौरव हमारे नई पीढ़ी में अच्छा करने वाला पहला व्यक्ति बन गया है। इसी प्रकार आगे पढ़ते रहो। भगवान उसकी मदद करते हैं जो ख़ुद परिश्रम करता है। श्रम के अलावा कोई चारा नहीं है और जिसने परिश्रम किया उसे लक्ष्य अवश्य मिलता है। इसके साथ ढेर शुभकामना दिया।
जबकि कई साहित्य सम्मानों से सम्मानित दादा रत्नाकर ने अपने पौत्र की सफलता पर खुशी का इज़हार करते हुए सौरभ के उत्तरोत्तर सफलता की कामना की है।
बता दें कि भारत सरकार के लॉ कॉलेजों में नामांकन के लिए क्लैट प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। जिसमें कुल 2300 बच्चों का चयन किया जाता है। सौरभ ने इस परीक्षा में ऑल इंडिया 679 वां रैंक लाकर सफलता प्राप्त की है।