स्वच्छ पत्रकारिता राष्ट्र की आवश्यकता: प्रो. रासबिहारी

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पटना: स्वच्छ पत्रकारिता राष्ट्र की आवश्यकता है। पत्रकारिता लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ है। लोकतंत्र की मर्यादा तभी बनी रह सकती है जब पत्रकारिता पूर्ण दायित्व एवं निष्पक्षता के साथ किया जाए। उक्त विचार प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रासबिहारी सिंह ने बृहस्पतिवार को विश्व संवाद केंद्र के 12 दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन के समय व्यक्त किया। यह कार्यशाला प्रतिवर्ष 12 जनवरी से 23 जनवरी तक आयोजित की जाती है। यह 20वीं कार्यशाला है।

पटना के विश्व संवाद केंद्र के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. रासबिहारी सिंह ने कहा कि पत्रकारिता का स्वरूप बदला है। पहले सिर्फ प्रिंट मीडिया होता था लेकिन आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ा है। इसमें कई भ्रामक खबरें भी सामने आ रही हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि किसी भी खबर को प्रस्तुत करते समय उसके सच्चाई को अवश्य जान ले। उन्होंने यह भी कहा कि यह विडंबना है कि 12 करोड़ की आबादी वाले राज्य की राजधानी पटना में मीडिया शोध का एक भी संस्थान नहीं है। जहां से पत्रकारिता एवं जनसंचार के विद्यार्थी पी.एच.डी कर सकें।

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इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष श्रीप्रकाश नारायण सिंह ने कहा कि विगत 20 वर्षों से विश्व संवाद केंद्र द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यहां से प्रशिक्षित विद्यार्थी देश के प्रतिष्ठित पत्रकारीय संस्थाओं में कार्यरत है। नागरिक पत्रकारिता की दृष्टि में यह कार्यशाला प्रभावी है। एक पत्रकार समाज के प्रहरी की भूमिका निभाता है। विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में हम प्रशिक्षुओं को मीडिया के सभी आयामों से परिचित कराते हैं।

उद्घाटन कार्यक्रम का मंच संचालन केन्द्र के संपादक संजीव कुमार ने किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार कृष्णकांत ओझा, बिहार के प्रसिद्ध उद्यमी अभिषेक कुमार, स्नेह अंजन तिवारी, डॉ. गौरव रंजन, सिने विशेषज्ञ एवं केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य प्रशांत रंजन, मीडिया शोधार्थी शोभित सुमन समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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