एसएन सिन्हा मेमोरियल लेक्चर में बोले प्रो. बलराम सिंह: हिंदू धर्म ने हर कार्य को वैज्ञानिक नियम से बांधा

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Prof Balram Singh addressing SN Sinha Memorial Lecture in AN College in Patna

पटना : एएन कॉलेज द्वारा एसएन सिन्हा मेमोरियल लेक्चर सीरीज के अंतर्गत 16वें व्याख्यान का आयोजन शुक्रवार को किया गया। व्याख्यान का विषय “21वीं शताब्दी के वैश्विक सामाजिक-राजनैतिक परिपेक्ष्य में रामराज्य के विज्ञान तथा अर्थशास्त्र की अवधारणा” विषय पर यूनिवर्सिटी आफ मैसाचुसेट्स में बायोकेमिस्ट्री के पूर्व प्रोफेसर तथा वर्तमान में डार्टमाउथ (अमेरिका) में बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर एवं इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस साइंसेज, अमेरिका के अध्यक्ष प्रो. बलराम सिंह ने अपने विचार रखे।

प्रो. सिंह ने कहा कि वर्तमान समय मे मानवता के समक्ष भोजन तथा पोषण, आरोग्य, सामाजिक समरसता, वातावरण स्थिरता जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्यों के अंतर्गत यह वर्णित है कि सभी नागरिक अपने अंदर वैज्ञानिक स्वभाव, मानवता जिज्ञासु की भावना को विकसित करेंगे। प्रो. सिंह ने कहा कि हिंदू धर्म के त्रिदेव के सत्य तथा दर्शन को सभी धर्मों ने स्वीकारा है। ईसाई धर्म में 3 पवित्र आत्माओं की धारणा है- ईश्वर, ईश्वर का पुत्र और पवित्र आत्मा। हिन्दू धर्म ने मनुष्य की हर कार्य को वैज्ञानिक नियम में बांधा है। यह नियम सभ्य समाज की पहचान है। इसके लिए प्रमुख कर्तव्यों का वर्णन किया गया है जिसको अपनाकर जीवन को सुंदर और सुखी बनाया जा सकता है।

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Participants in SN Sinha Lecture Series

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मे भारत समेत कई अन्य देशों में एडम स्मिथ के अर्थशास्त्र की धन केंद्रित व्याख्या प्रासंगिक है। परन्तु, आवश्यकता यह है कि अर्थशास्त्र के मौलिक समस्याओं का निदान किया जाना सामाजिक समरसता के लिए महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में उन्होंने गांधी के आर्थिक गाँधी के विचारों पर व्यापक विषयवस्तु के संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान वास्तविकताओं की कसौटी पर उनका परीक्षण करके ही यह पता लगाया जा सकता है कि गाँधी के व्यावसायिक समाधानों में दूरदर्शिता है या तर्कहीनता। गाँधी स्वदेशी में, ग्रामीण आत्मनिर्भरता में, बड़े उद्योगों के बजाय कुटीर और छोटे उद्योगों में और उत्पादन में मशीनों की अपेक्षा श्रम के इस्तेमाल में विश्वास रखते थे। वर्तमान समय मे भी शहरों की अपेक्षा ग्रामीण जीवन काफी शांतिपूर्ण है। अभी भी गांव में भ्रष्टाचार, प्रदूषण व भ्रूण हत्या जैसी शहरी बुराइयों से काफी हद तक प्रभावित नही हुआ है। अभी भी शहरी पर सो जाते हैं। इसके साथ ही गांव की हवा भी काफी स्वच्छ होती है और वहीं दूसरी तरफ शहरों में काफी प्रदूषण और भीड़ होती है। ग्रामीणों का जीवन भी साधारण होता है वहीं शहरी जीवन व्यस्तता एवं भारी तनाव से भरा हुआ होता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा की राम द्वारा किया गया आदर्श शाषन रामराज्य के नाम से प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में रामराज्य का प्रयोग सर्वोत्कृष्ट शासन या आदर्श शासन के रामराज्य, लोकतन्त्र का परिमार्जित रूप माना जा सकता है। वैश्विक स्तर पर रामराज्य की स्थापना कई समस्याओं के निदान में महत्वपूर्ण होगी।

Prof SP Shahi, Principal, AN College, Patna

इसके पहले अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. एसपी शाही ने कहा कि अनुग्रह बाबू तथा सत्येंद्र बाबू के आशीर्वाद से एएन कॉलेज लगातार प्रगति पथ पर अग्रसर है। इसमें महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी तथा विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में महामारी की गंभीरता को समझते हुए महाविद्यालय प्रशासन ने आइक्यूएसी के सुझावों के परिपेक्ष्य में 21 मार्च से ही ई-कंटेंट के द्वारा पढ़ाई शुरू कर दी थी। महाविद्यालय के आइक्यूएसी के प्रयासों से हाल ही में इसरो तथा कोर्स—एरा से कोलैबोरेशन हुआ है, जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिल रहा है।

कार्यक्रम का संचालन तथा विषय प्रवेश एसएन सिन्हा मेमोरियल लेक्चर की सह-संयोजक डॉ रत्ना अमृत ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. अरुण कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर आइक्यूएसी के समन्वयक डॉ अरुण कुमार, वरिष्ठ शिक्षक प्रो. शैलेश कुमार सिंह, प्रो. प्रीति सिन्हा, प्रो. तृप्ति गंगवार समेत महाविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।

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