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सामुदायिक रेडियो यानी समाज सेवा के साथ करियर : अभिषेक अरुण

पटना कॉलेज के बीएमसी में सामुदायिक रेडियो पर इंटेरेक्टिव सेशन आयोजित

समन्यवयक डॉ. कुमारी विभा बोलीं: जनसंचार के छात्र-छात्राओं के लिए रेडियो एक बेतहर विकल्प
रेडियो मयूर में जाकर इंटर्नशिप कर सकते हैं बच्चे : डॉ. सुभाष कृष्ण

पटना : भारत के छोटे शहरों व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर लोकतांत्रिक प्रणाली तक के बारे जागरुकता फैलाने में सामुदायिक रेडियो (कम्यूनिटी रेडियो) का बड़ा योगदान हो सकता है। विशेषकर जनसंचार के विद्यार्थियों के लिए सामुदायिक रेडियो में काम करना समाज सेवा के साथ-साथ करियर का भी अच्छा विकल्प है। उक्त बातें रेडियो मयूर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीओओ) अभिषेक अरुण ने कहीं। वे शनिवार को पटना कॉलेज के स्नातक जनसंचार विभाग (बीएमसी) के छात्र-छात्राओं के आॅनलाइन इंटेरेक्टिव सेशन को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।

विद्यार्थियों की जिज्ञासा पर अभिषेक अरुण ने सामुदायिक रेडियो के इतिहास से लेकर उसकी लाइसेंसिंग प्रक्रिया तक के बारे में जानकारी दीं। सामुदायिक रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम के संबंध में उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलप्मेंट गोल से संबंधित प्राथमिक शिक्षा, सामान्य स्वास्थ से जुड़ी बातों को प्रमुखता से प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा स्थानीय पर्यटन, खान-पान, कला व उनके कलाकारों के बारे में बताते हैं। अभिषेक अरुण ने बताया कि सामुदायिक रेडियो में मुख्य रूप से स्थानीय विषयों को स्थान दिया जाता है। उस स्थान विशेष की समस्याओं व जरुरतों को रेखांकित कर श्रोताओं को जागरुक किया जाता है। इसके अलावा सार्वजनिक जीवन के पक्ष को भी बताया जाता है। जैसे विगत लोकसभा चुनाव में जिला निर्वाचन विभाग के सहयोग से लोगों को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से लेकर वोट देने तक की जानकारी श्रोताओं को दी गई।

अभिषेक अरुण ने सामुदायिक रेडियो के राजस्व मॉडल, सामाजिक सहभागिता, गानों का प्रसारण, समाचारों के सबंध में सावधानी आदि के बारे में भी विद्यार्थियों को बताया। विभाग की समन्वयक डॉ. कुमारी विभा ने इस अवसर पर कहा कि इस सेशन से पता चला कि जनसंचार के छात्र-छात्राओं के लिए रेडियो एक बेतहर विकल्प हो सकता है। आगे भी इस प्रकार के सेशन आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम के मॉडरेटर डॉ. सुभाष कृष्ण ने बताया कि बिहार के जनसंचार के छात्रों के लिए सामुदायिक रेडियो सीखने के लिहाज से अच्छी जगह है। भविष्य में पटना कॉलेज के बच्चे रेडियो मयूर में जाकर इंटर्नशिप कर सकते हैं। इस अवसर पर जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ. गौतम कुमार, मुद्दसिर सिद्दीकी, रचना सिंह एवं प्रशांत रंजन उपस्थित रहे।