PUSU चुनाव: बिहार की सियासत की बुनियाद रहा है पटना विवि

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पटना: पटना विश्विद्यालय में दो साल बाद 19 नवंबर को चुनाव होने जा रहा है।चुनाव कराने के लिए कमिटी गठित कर दी गई है। इसके लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. खगेंद्र कुमार को बनाया गया है। छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। सभी पार्टियां अपना अपना एजेंडा तैयार कर रही है। विश्वविद्यालय परिसर में चुनावी सरगर्मी बढ़ने का प्रभाव स्पष्ट दिखने लगा है।

वहीं अगर बिहार की सियासत की बात करें, तो पटना विश्विद्यालय उसका आधार रहा है। यह विश्विद्यालय शिक्षा के केंद्र के साथ साथ राजनीति की कक्षा भी रही है। चुनाव की घोषणा होने के साथ ही कैंपस में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। इसी कैंपस से छात्र राजनीति कर निकले नेता बिहार की राजनीति के साथ साथ देश की राजनीति को एक दिशा दे रहे है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी हों या पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद। अश्विनी चौबे और रामविलास पासवान ये सभी पटना विश्विद्यालय के छात्र संघ की ही उपज है।

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देश का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय

अशोक राजपथ पर पावन गंगा के किनारे खड़े पटना विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 1917 ई. में अंग्रेजों ने की थी।यह देश का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। स्थापना के पूर्व इसके अंतर्गत आने वाले कॉलेज कोलकाता विश्वविद्यालय के अंग थे। पटना विश्वविद्यालय के अंतर्गत पटना साइंस कॉलेज, पटना कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय, बीएन कॉलेज, पटना कला एवं शिल्प महाविद्यालय, पटना लॉ कॉलेज, मगध महिला एवं पटना वीमेंस कॉलेज जैसे संस्थान आते हैं।

1956 में हुई छात्र संघ की स्थापना

आज से 63 साल पहले पटना विश्विद्यालय में छात्र संघ की स्थापना हुई थी। 1956 से लेकर 1968 तक समस्त प्रतिनिधियों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता था। 1968 में विद्यार्थियों ने प्रत्यक्ष चुनाव की माग की तो तत्कालीन उपकुलपति लोकमत कराया जिसके बाद यह तय हुआ कि प्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा अब छात्र संघ का चुनाव होगा। 9 मार्च 1970 को पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव के आधार पर चुनाव हुआ।

पहली बार लालू बने महासचिव

राजनीति के धुरंधर कहे जाने वाले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पहली बार 1970 में हुए छात्र संघ चुनाव में महासचिव चुने गए थे। फिर 1971 के चुनाव में राम जतन सिन्हा और लालू यादव आमने सामने थे जिसमे लालू यादव की हार हुई थी। रामजतन सिंह अध्यक्ष बने और नरेंद्र सिंह महासचिव। 1973 में हुए चुनाव में लालू प्रसाद अध्यक्ष बने, सुशील कुमार मोदी महासचिव एवं रवि शंकर प्रसाद सहायक महासचिव बने। इसके बाद 1977 में हुए चुनाव में अश्विनी चौबे पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बने।

पीयू से है कई शख्सियत का जुड़ाव

पटना विश्विद्यालय से सिर्फ राजनीति ही नहीं बल्कि इसके आलावा भी कई क्षेत्रों में लोगों का जुड़ाव रहा है। इस विश्विद्यालय से अनुग्रह नारायण सिंह, विधानचंद्र राय, ललित नारायण मिश्र, जय प्रकाश नारायण, रामधारी सिंह दिनकर, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद, शत्रुघ्न सिन्हा, सुशील कुमार मोदी, सीपी ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, यशवंत सिन्हा, संप्रदा सिंह, उषाकिरण खान, एचसी वर्मा, पद्मश्री गायिका शारदा सिन्हा, आचार्य किशोर कुणाल, प्रो. केसी सिन्हा आदि ने शिक्षा प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

(रवीश कुमार, जनसंचार विभाग, पटना विवि)

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