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पटना की सभी सीटों पर कायस्थों की दावेदारी!

सूबे की सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में आ गयी हैं। एनडीए में पटना साहिब की चार विधानसभा सीट कुम्हरार, दीघा, बांकीपुर और पटना पूर्वी तथा पाटलिपुत्र लोकसभा सीट की दानापुर और फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र की सीट को लेकर इस बात की कवायद चल रही है कि गठबंधन में कौन दल यह सीट ले। भाजपा के साथ- साथ जदयू में कई लोगों की नजर इन सीट पर लगी हुई है। भाजपा के अंदर यह माना जा रहा है कि कायस्थ पॉलिटिक्स की यह सीट पैमाना है। जो यहां का सिकंदर होगा, वही राजधानी में कायस्थ का नेता होगा। पटना महानगर में कायस्थों की बड़ी आबादी है। पटना साहिब की चार विधानसभा सीट दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार और पटना पूर्वी तथा पाटलिपुत्र लोकसभा सीट की दानापुर और फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र में कायस्थों की बड़ी आबादी है।

इस सीट पर कायस्थ पॉलिटिक्स का दबदबा है पटना के कुम्हरार और दीघा विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक अरुण कुमार सिन्हा व संजीव चौरसिया से जनता नाराज हैं, खासकर पटना में हुए जलजमाव के बाद से। इसमें संभावना यह जतायी जा रही है कि उनके जगह ये दोनों सीटें भाजपा जदयू को दे दे तथा पूर्व की तरह पटना साहिब विधानसभा व बांकीपुर विधानसभा भाजपा अपने पास रखे।

वहीं जदयू की ओर से कुम्हरार व दीघा विधानसभा सीटों में दावेदारी के रूप में कई नामों की चर्चा है। हालांकि, जिन नामों की चर्चा है उन पर कोई भी खुलकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। जदयू के सभी चर्चित उम्मीदवार कायस्थ समाज से आते हैं। कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र से विधान पार्षद रणवीर नंदन और जदयू नेता सुमन कुमार मल्लिक के नाम की चर्चा है। दोनों बड़े नेता होने के साथ-साथ अपने समाज का बड़ा चेहरा भी हैं। इसमें सुमन कुमार मल्लिक की साफ- सुथरी छवि होने के कारण पार्टी उन पर दाव खेल सकती है।

इसके अलावा दीघा विधानसभा क्षेत्र से जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद व अजय अलोक के नाम की चर्चा राजनीतिक हलकों में है। ज्ञात हो कि दोनों नेता कायस्थ समाज से आते हैं। वहीं जदयू की ही ओर से महागठबंधन में पिछले विधानसभा चुनाव में राजीव रंजन प्रसाद यहाँ के प्रत्याशी थे।

इन सब के बाबजूद पार्टी किसको उम्मीदवार बनायेगी यह तो भविष्य में तय होगा। लेकिन, कायस्थ समाज का सिरमौर बनने की ललक सभी में है। इधर, राजनीतिक हलकों में एक चर्चा यह भी है कि लोजपा की भी नजर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र की दानापुर और फुलवारीशरीफ विधानसभा सीटों पर है। ऐसे में देखना यह है कि गठबंधन में किसको कौन सीट मिलेगा और किसका टिकट कटेगा।