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नेशनल सिनियर सिटीजन एसोसिएशन ने किया सम्मेलन

पटना : कानून से सभी समस्याओं का निदान नहीं किया जा सकता है। अगर सच को झूठ करना है और झूठ को सच तो कोर्ट चले जाइये। ये तो पैसे वालों के चोचले हैं। सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के तृतीय राज्य स्तरीय सम्मेलन में भाग लेते हुए पटना हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जज राजेन्द्र प्रसाद ने ये बातें कहीं।

राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि आज के समाज मे जो कुछ भी दिख रहा है वो कल के बुज़ुर्गो की देन है और कल का जो समाज दिखेगा वो आज के बुज़ुर्गो की देन होगी। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने धर्मशास्त्रों की बात करें अपनी संस्कृति की बात करें तो आज वो नहीं है। हम बातें तो कर सकते हैं लेकिन जी नहीं सकते। आज मोबाइल टीवी और रेडियो की संस्कृति है। फिर भी कुछ लोग हैं जो अपनी संस्कृति में जीते हैं, उसके बारे में सोचते हैं। पूर्व जज ने कहा कि हमारे पास वेद है पुराण है। उसके बाद बुद्ध, महावीर आये। सबने जीने की कला सिखाई। किसी ने ईश्वर से सवाल किया कि आदमी ही आदमी का शत्रु क्यों हो जाता है। संसार मे इतने दुख इतनी पीड़ा क्यों हैं। तो भगवान ने कहा कि मैं वेद के रूप में प्रकट हुआ, उपनिषदों को ऋषियों ने बताया और जीवन मे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए का ज्ञान शास्त्रों ने दिया। फिर तुम्हारे कर्म को मैं तो नहीं भोग सकता। न्यायमूर्ति राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि हम शास्त्रीय नियमो से दूर हो जाएंगे तो हम आरामदायक जीवन तो जी सकते हैं लेकिन शांति नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा हम शरीर नहीं हैं भगवान के अंश हैं लेकिन लोग अपने शरीर को, अपने मकान को, अपनी संपत्ति को ही अपना मानने लगते हैं। आप बड़े महल में रह सकते हैं, एसी में रह सकते हैं लेकिन कैंसर से नहीं बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में वर्णाश्रम धर्म और चार आश्रमों की बात कही गई है। लेकिन इन नियमों का कोई पालन नहीं कर रहा है। शास्त्रों के अनुसार मनुष्य जन्म मोक्ष के लिए मिला है। उन्होंने कहा कि पहले हम अपने माता में पिता में और गुरु में देवता का भाव रखते थे। पहले के बुजुर्ग ऋषियों की महर्षियों की तरह रहते थे। आगे न्यायमूर्ति ने कहा कि बुजुर्ग का मतलब होता है ज्ञान, शिक्षा, अनुभव संस्कृति। वहीं पटना के मशहूर डॉक्टर गोपाल प्रसाद सिन्हा ने कहा कि बुज़ुर्गो के बारे में सोचा जाता है वैसा बिल्कुल भी नहीं है। बुजुर्ग अभिशाप नहीं हैं बल्कि समाज के लिए आशीर्वाद हैं। आगे भी बहुत सारे कार्यक्रम होते रहेंगे और बुजुर्ग किसी के लिए लायबिलिटी नहीं होंगे बल्कि मजबूत होंगे। विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि ये वो उम्र है जहां अनुभवों का खजाना रहता है और उनके अनुभव का लाभ समाज और देश के नौजवानों को मिले।

मधुकर योगेश