पटना : दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार संजय रंजन का सोमवार की सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और निजी अस्पताल में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार की सुबह नौ बजे दीघा के पाटीपुल शिवा घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नी दी। बेहद सहज, सरल संजय अपने सहकर्मियों के बीच काफी लोकप्रिय थे। वे अपने पीछे पत्नी और एक बेटी को छोड़ गए हैं। वरीय पत्रकार व एनयूजे के प्रदेश अध्यक्ष राकेश प्रवीर, प्रमोद कुमार सिंह, संजीव कुमार, सुविज्ञ दूबे ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। इसके अलावा पत्रकारिता से जुड़े व विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया है।
उनके साथ काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार और स्वत्व मीडिया के संपादक कृष्णकांत ओझा ने बताया कि संजय ऐसे पत्रकार थे जिनका अध्ययन—लेखन में गहरी रुचि थी। साहित्य, अध्यात्म, समाज, संस्कृति से जुड़ी पुस्तकें पढ़ना और उन पर चर्चा करना उनका महत्वपूर्ण शगल था। लेखन में भाषा के प्रति उनका बड़ा आग्रह था। शुद्ध वर्तनी पर बहुत जोर देते थे। आज के समय में जब अखबारों में भाषायी गिरावट आ रही है, संजय जैसे निद्यठावान पत्रकार का जाना पूरे पत्रकारिता जगत के लिए क्षति है।