NAAC कार्यशाला में सलाह; शिक्षकेतर कर्मी भी करें पीएचडी, कामकाज का सबूत रखें कॉलेज
पटना: पटना वीमेंस कॉलेज में आईक्यूएसी द्वारा छः दिवसीय क्षमता विकास नैक कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसका मंगलवार को आख़िरी दिन था। कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्या डॉ. सिस्टर एम. रश्मि एसी ने अतिथि वक्ता डॉ. बी. ऐश पोन्मदिराज, नैक सलाहकार का वर्चूअल माध्यम से स्वागत किया। बैंगलोर से वर्चुअल माध्यम से जुड़े नैक सलाहकार डॉ. बी. ऐश पोन्मदिराज ने विदाई सत्र में कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए उसका वेबसाइट कैसा दिखता है, यह बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होंने बताया कि शिक्षक एक संस्थान का केंद्रीय फोकस होता है। वहीं उन्होंने संस्थान को अपने गैर-शिक्षण कर्मचारियों को पीएचडी के लिए प्रोत्साहित करने पर ज़ोर डाला और पटना वीमेंस कॉलेज को बिहार के दूसरे कॉलेजेज़ के लिए रोल मॉडल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्राचार्या डॉ. सिस्टर एम रश्मि एसी ने अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए कहा की नैक की तैयारी को मद्देनज़र रखते हुए हम जो भी काम कर रहे हैं, उसका सबूत रखना बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होंने इस वर्कशॉप की सफलता पर आईक्यूएसी टीम, टीचिंग एंड नॉनटीचिंग स्टाफ्स को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम की संयोजक और आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ. अमृता चौधरी ने इस वर्कशॉप में बताए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
सत्र के समापन पर प्राचार्या डॉ. सिस्टर एम. रश्मि एसी ने शिक्षकों को अलग-अलग श्रेणी में पुरस्कार देकर सम्मानित किया। आईक्यूएसी असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर के डॉ. आलोक जॉन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।