पटना : लेखक समाज का डॉक्टर होता है, जो समाज की नब्ज पहचानता है और फिर उसकी दवाई लेखन के रूप में उतारता है। उक्त बातें गुरुवार को मचान द्वारा आयोजित बतकही में चर्चित युवा साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल ने कहीं।
मुसल्लहपुर स्थित यथार्थ क्लासेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में नीलोत्पल मृणाल ने विभिन्न विषयों पर बेबाकी से बातचीत की। इस दौरान एक बार भावुक होकर रोते हुए उन्होंने अपने सफर के बारे में लोगों को बताया। पटना के युवा कवि एवं साहित्यकार चंदन द्विवेदी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि एक लेखक की सबसे बड़ी सफलता यही है कि उसका लिखा उसके नाम से ज्यादा चर्चित हो और उसके पात्र हमेशा जीवित रहें। उन्होंने कहा कि अच्छे लेखक होने का पैमाना यह नहीं है कि आपने कितनी किताबें लिखी है। कई लोग दर्जनों किताबें लिखने के बाद भी एक अच्छी रचना नहीं दे पाते हैं, वहीं किसी की पहली रचना ही समाज से आगे चलने लगती है।
अपने साहित्य अकादमी पुरस्कार के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने पुरस्कार मिलने से पहले साहित्य अकादमी का भवन भी नहीं देखा था। मैंने किताब में वही सब लिखा जो आस-पास घटित हो रहा था और लोगों ने पसंद किया और उसे पुरस्कार भी मिला।
उपस्थित युवाओं को लेखन में आने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर आपको लगता है कि आपने अच्छा लिखा है तो आप उसे सबके सामने जरूर रखिए। निरंतर ऐसा करने से आप समझ जाएंगे कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। किसी की आलोचना से हतोत्साहित मत होइए।
हिंदी के पाठकों की कमी पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि हिंदी के पाठक नहीं है। दिक्कत यह है कि हम उन तक पहुंच नहीं पा रहे थे। लेकिन, ऐसे आयोजनों ने इस अंतर को पाटा है। और पिछले किसी आयोजन में यह भीड़ मैंने नहीं देखी थी।
इस दौरान उन्होंने उपस्थित लोगों के कई सवालों के जवाब भी दिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि छात्रों को राजनीति में आना ही चहिए। लेकिन, वे पढ़ने—लिखने वाले छात्र हों न कि सिर्फ शक्ति के उद्देश्य से आएहों।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने अपनी चर्चित कविता ‘हाँ! मैं बिहारी हूं’ सुनाकर उपस्थित लोगों में जोश भर दिया। यथार्थ क्लासेज के निदेशक रजनीश झा और अभिषेक राज ने कार्यक्रम में सभी लोगों को तुलसी का पौधा देकर स्वागत किया गया। इससे पूर्व मचान के प्रशांत राज और विक्रम ने नीलोत्पल मृणाल का पेंटिंग देकर स्वागत किया।
बतकही में डॉ० आकांक्षा, आलोक कुमार सिंह, आमिर अनवर, आकिब, राजा रवि, सुमन कुमार, सोमू आनंद, राहुल, राघव, हर्षिता, शाम्भवी, निशा समेत सैकड़ो छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
(राहुल कुमार)