पटना : सेवा भारत और ऑक्सफॉम के तत्वाधान में राजधानी पटना में राज्य स्तरीय महिला किसान सम्मेलन आयोजित किया गया। महिला किसानों की अपनी पहचान नहीं है। महिला किसानो को बहुत तरह की मुश्किलें आती हैं। उनकी इन्हीं समस्याओं को जानने के लिए और उसे दूर करने के लिए आज का समनेलन किया गया था।
बिहार सरकार के रिटायर्ड अधिकारी विजय प्रकाश ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और खेत, खलिहान और किसानी में भी अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि मार्केटिंग का अपना ही फंडा है और जब तक इसको नहीं अपनाया जाएगा तब तक किसानों द्वारा उपजाए गए उत्पाद उचित जगह नहीं पहुंच पायेगा और आर्थिक रूप से किसान सशक्त नहीं हो पाएंगे।
किसी भी उत्पाद के बिकने के लिए अच्छी पैकेजिंग की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है। विजय प्रकाश ने कहा कि बिहार में दो जगहों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी है और वहां पर महिला किसानों को सब तरह की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पैकेजिंग का तरीका जितना अच्छा होगा माल उतना ही ज्यादा बिकेगा। खेती में उत्पाद उगाने से लेकर कंज़्यूमर की थाली तक पहुंचाने के लिए एक अच्छी प्लानिंग की जरूरत है। तभी आप पैसा कमा सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विदेश में जो माल यहां से जाता है उसका कई लेवल पर टेस्टिंग किया जाता है। आपने जो खाद्यान्न उगाए हैं उसमें कौन सा खाद डाला है और जो खाद डाला है वो कैसे है। एक-एक चीज़ों का बारीकी से टेस्ट करने के बाद ही वहां के मार्किट में उसे उतारा जाता है।
उन्होंने कहा कि मार्केट के हिसाब से प्रोडक्शन, स्टोरेज और पैकेजिंग करना होगा तभी मार्किट में हमें सफलता मिलेगी। मार्केट के हिसाब से चलना है तो हमें वो प्रक्रिया भी अपनाना होगा। अमेरिका के लिए अलग, यूरोप के लिए अलग और दूसरे देशों के लिए अलग-अलग तरीके से खेती करनी होगी।
राष्ट्रीय सहकारी निगम के निदेशक सुरेंद्र सहगल ने कहा कि बिहार में महिला सशक्तिकरण की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने महिला किसानों को कहा कि देश मे भी और बिहार में भी हर जगह सहकारी समितियां हैं। आप उन सहकारी समिति की सदस्य बन जाएंगी तो आप स्वतः ही राष्ट्रीय सहकारी निगम के सभी गतिविधियों में शामिल हो जाएंगी। उन्होंने अपने निगम के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें हस्तशिल्प, फिशरीज, मुर्गी पालन सहित कई तरह के काम हो रहे हैं और ये सभी काम महिलाएं भी कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसान बहुत ही योग्य और क्षमतावान हैं। वे कई तरह की खेती कर रहे हैं और कई तरह के नई नई खाद्यान्न भी उगा रहे हैं। लेकिन अच्छा प्लेटफार्म नहीं मिल पाने से मार्केटिंग में उन्हें बहुत समस्याएं आती हैं।
(मानस द्विवेदी)