लेख्य-मंजूषा : तकनीक के सहारे साहित्यिक विमर्श की सराहना, पितृ दिवस पर रचना पाठ

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लेख्य-मंजूषा के कार्यक्रम में प्रतिभागी

पटना : साहित्यक संस्था लेख्य–मंजूषा के त्रैमासिक कार्यक्रम का आयोजन रविवार को उसके फेसबुक पेज “लेख्य – मंजूषा” पर हुआ। “पितृ दिवस” को समर्पित त्रैमासिक कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी, शम्भु सिंह, पटना दूरदर्शन की पूर्व निदेशक रत्ना पुरकायस्थ, बैंगलोर से डॉ. सुनील तरुण और दिल्ली से रविन्द्र यादव जी उपस्थिति थे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी सुधीजनों ने पितृ दिवस पर अपने विचार व संस्मरण साझा किये.

इस संबंध में लेख्य-मंजूषा के उप-सचिव अभिलाष दत्त ने बताया कि कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि फेसबुक पेज पर लाइव के माध्यम से कार्यक्रम करने के लिए छ: दल बनाये गये थे और हर दल का एक एडमिन नियुक्त किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी अपने दल के बाकी सदस्यों को पटल पर जोड़ने और कार्यक्रम को सही रूप से संचालित करने की थी। राजस्थान से लेख्य-मंजूषा के सदस्य राजेन्द्र पुरोहित ने इस उपयोग की सरहाना करते हुए कहा कि आज के बदलते दौर में हर पीढ़ी को नई तकनीक और सोशल मीडिया की जानकारी जरुर होनी चाहिए। उन्होंने लेख्य-मंजूषा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लेख्य-मंजूषा के इस अनूठे प्रयोग से संस्था के सभी सदस्यों में फेसबुक लाइव के प्रति जो भी दिक्कतें व समस्याएं थी वह सब दूर हुईं। रचना के पाठ के बहाने सभी सदस्यों को सोशल मीडिया पर दल बना कर रचना पाठ करने से नई तकनीक के बारे काफी कुछ जानने व सीखने को मिला।

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कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9 बजे डॉ. रब्बान अली (एडमिन) और उनके दल द्वारा हुई। उनके दल में शाइस्ता अंजुम, प्रियंका श्रीवास्तव, विभा राज जुडी थीं। इन सभी ने पितृ दिवस पर अपने-अपने संस्मरणों का पाठ किया।

उसके बाद दोपहर 12 बजे अतिथियों के सत्र का समय था। इसके बाद दोपहर चार बजे आलेख पाठ के लिए संगीता गोविल पेज पर उपस्थित हुईं। उनके साथ सुषमा सिंह, कमला अग्रवाल मौजूद थीं। अगले दल के एडमिन राजेन्द्र पुरोहित, सुधा पाण्डेय, एकता कुमारी ने अपने लघुकथाओं का पाठ किया। अंतिम सत्र में चन्द्रबिन्दु सिंह, प्रणय कुमार सिन्हा, उर्मिला वर्मा और मधुरेश नारायण उपस्थित थे।

 

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