पटना: राज्य में दूध की शुद्धता की जांच और उसके गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए जल्द ही एक प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। इस पर 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी पत्रकार वार्ता में दी।
बिहार पशु विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित इस पत्रकार वार्ता में कम्फेड की एमडी शिखा श्रीवास्तव एवं पशु विवि के कुलपति रामेश्वर सिंह भी उपस्थित थे मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि पटना में दूध की शुद्धता की जांच के लिए खुलने वाले प्रयोगशाला से दूध में मिलावट एवं अन्य गड़बड़ियों को पकड़ना आसान हो जाएगा ।
प्रेम कुमार ने कहा कि विभिन्न डेयरी प्लांट में दूध की शुद्धता की जांच के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। सरकार डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए संकल्पित है। जल्द ही पूर्णियां में 2 लाख लीटर रोजाना की क्षमता को बढ़ाकर 4 लाख लीटर कर दिया जाएगा। इसी प्रकार सीतामढ़ी, हाजीपुर में 4 लाख लीटर दूध संयंत्र, डेहरी ऑन सोन में 5 लाख लीटर क्षमता का संयंत्र और खगड़िया में 300 मेट्रिक टन उत्पादन क्षमता का पशु आहार कार खाना खोला जाएगा।
इन सभी का निर्माण कार्य जारी है। इन नए परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने तो 234 करोड़ रुपए भी दिए हैं। कम्फेड से जुड़े 12.35 लाख दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को इसका फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक में राज्य में दूध उत्पादन 8% की दर से बढ़ा है। सहकारी क्षेत्र में वर्ष 4-5 में 4.889 लाख किलो दूध 5103 समितियों के माध्यम से इकट्ठा किया जाता था। अब 24319 दूध समितियों के माध्यम से 18.09 लाख किलो रोज दूध संगहित हो रहा है। सुधा उत्पादों की बिक्री प्रतिवर्ष 4449.90 मैट्रिक टन हो रही है।
उन्होंने कहा कि समस्तीपुर के डेयरी की क्षमता को बढ़ाकर 33 .55 लाख लीटर कर दिया गया है। इसी प्रकार राज्य में पशु आहार उत्पादन की क्षमता को भी बढ़ाकर 760 मेट्रिक टन कर दिया गया है।
प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य सरकार कम लागत खर्च पर सुधा दूध के उत्पादों को बेहतर मूल्य पर बेचने की का कार्य कर रही है। इससे कम्फेड का मुनाफा बढ़ रहा है । केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य के 500 गांव में कृत्रिम गर्भाधान केंद्र भी चल रहे हैं। इससे पशुपालकों को काफी फायदा हो रहा है।