केवाईपी के फेर में पाई-पाई के मोहताज हुए कॉलेज शिक्षक

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मधेपुरा : उच्च शिक्षा में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए सरकार ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की बहाली हुई। लेकिन, महीनों से उन्हें नियमित मानदेय नहीं मिला है। इस संबंध में बीएन मंडल विवि, मधेपुरा के अतिथि शिक्षकों ने ​विवि के कुलपति डॉ. ज्ञानांजय द्विवेदी से भेंट कर लंबित वेतन भुगतान को लेकर ज्ञापन सौंपा। डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में कुलपति मिलने गए प्रतिनिधिमंडल ने अनुरोध किया कि 10 महीने से उनका वेतन लंबित है, जिससे जीवन निर्वाह में कठिनाई हो रही है।

कुलपति ने अतिथि शिक्षकों को आश्वासन दिया और कहा कि जिन अतिथि शिक्षकों का केवाइपी हो गया है, उनका वेतन शीघ्र चला जाएगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के सारे शिक्षकों का वेतन केवाईपी माध्यम से जाता है। केवाईपी नहीं होने से ही अतिथि शिक्षकों का वेतन लंबित है। केवाईपी होने के बाद अतिथि शिक्षकों का भी वेतन प्राप्त हो जाएगा।

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उधर, दबी जुबान से अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वे नियमित शिक्षकों की भांति ही अध्यापन करते हैं, लेकिन वेतन में जमीन-आसमान का अंतर है। इतना ही नहीं, नियमित शिक्षकों का वेतन हर महीने ससमय आ जाता है, वहीं अतिथि शिक्षकों को विगत दस माह से वेतन नहीं मिला है। यह शिक्षक पद की गरिमा का सम्मान नहीं है।

 

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