कुलाधिपति ने कुलपतियों को दिए आदेश, बिहार के विवि में होंगे अब ये काम

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पटना : राज्यपाल सह बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति फागू चौहान ने सोमवार को पटना विश्वविद्यालय, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय, पटना, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पटना, पूर्णिया विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय एवं बी॰एन॰मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा की शैक्षणिक गतिविधियों की राजभवन सभागार में समीक्षा की।

बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ एच॰एन॰ प्रसाद (जो पटना विश्वविद्यालय के भी प्रभारी कुलपति हैं), पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ राजेश सिंह (जो ल॰ना॰ मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा एवं कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रभार में हैं), आर्यभट््ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ॰ अरूण कुमार अग्रवाल, मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ॰ खालिद मिर्जा तथा बी॰एन॰ मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के प्रभारी कुलपति प्रो॰ ज्ञानंजय द्विवेदी भी उपस्थित थे। बैठक में राज्यपाल सचिवालय एवं शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

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बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल फागू चैहान ने कहा कि विभिन्न पाठ््यक्रमों की परीक्षाएँ आयोजित करते हुए सितम्बर-अक्टूबर तक उनके परिणाम प्रकाशित किए जाने के प्रयास होने चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि ‘कोविड-19’ से संबंधित यू॰जी॰सी॰ के मार्ग-निर्देश से संबंधित परिपत्र दिनांक 29 अप्रैल, 2020 को राज्यपाल सचिवालय ने सभी कुलपतियों को भेज दिया है, जिसके आलोक में अपने विश्वविद्यालय के समक्ष प्राधिकार से स्वीकृति प्राप्त करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाये। राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष ‘परीक्षा-कैलेण्डर’ एवं ‘अकादमिक कैलेण्डर’ को इस रूप में पुनव्र्यवस्थित कर लिया जाये ताकि अगले वर्ष का शैक्षणिक-सत्र सही समय पर प्रारंभ हो सके।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में सम्पूर्ण परीक्षा-प्रणाली में एकरूपता लाने के लिए आवश्यक सुझाव देने हेतु कुलपतियों की एक ‘परामर्शी समिति’ बन रही है। इस मंत्रणा-समिति के प्रतिवेदन पर सभी कुलपतियों के मंतव्य प्राप्त कर परीक्षा-पद्धति में एकरूपता लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।

राज्यपाल ने की बैठक में दुहराया कि कक्षा-संचालन या परीक्षा -आयोजन के क्रम में व्यवहृत होनेवाले सभी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय भवनों का ‘सेनेटाईजेशन’ कार्य जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर आवश्यकतानुसार आन्तरिक संसाधनों का उपयोग करते हुए पूरा कर लिया जाना चाहिए तथा ‘सोशल डिस्टेन्सिंग’ के प्रोटोकाॅल का भी परिपालन सुनिश्चित होना चाहिए।

राज्यपाल ने पुनः यह बात स्पष्ट कर दी कि यू॰जी॰ पाठ््यक्रम में नामांकन के लिए आवेदन की तिथि इस रूप में विस्तारित की जानी चाहिए कि सी॰बी॰एस॰ई॰/आई॰एस॰सी॰ के सफल विद्यार्थियों को भी राज्य के विश्वविद्यालयों में नामांकन कराने के समुचित अवसर उपलब्ध हो सकें। बैठक में सभी कुलपतियों को कहा गया कि नामांकन की पूरी प्रक्रिया, जिसमें काॅलेजवार एवं पाठ््यक्रमवार विद्यार्थियों का आबंटन भी शामिल है, आॅनलाईन ही पूरी किये जाने के प्रयास होने चाहिए, साथ ही शुल्क-भुगतान की सुविधा भी आॅनलाईन प्रदान की जानी चाहिए।
राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निदेशित किया कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी विश्वविद्यालयीय विभाग या महाविद्यालय में किसी भी पाठ््यक्रम में निर्धारित सीटों से अतिरिक्त नामांकन स्वीकृत नहीं किए जायें। राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निदेशित किया कि सीटों से अधिक नामांकन पाए जाने पर कारण-पृच्छा करते हुए दोषियों के विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जानी चाहिए।

राज्यपाल ने सभी कुलपतियों से कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों द्वारा ‘नैक प्रत्ययन’ के लिए आई॰आई॰क्यू॰ए॰ एवं एस॰एस॰आर॰ दाखिल कराये जाने से संबंधित एक ‘एक्शन प्लान’ सभी विश्वविद्यालय राज्यपाल सचिवालय को एक सप्ताह के अंदर भेजना सुनिश्चित करें।

राज्यपाल द्वारा सहायक प्राध्यापकों की संबंधित रिक्तियाँ रोस्टर क्लीयरेंस कराते हुए शीघ्र शिक्षा विभाग को भेजने के लिए भी कुलपतियों को निदेशित किया गया। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ‘आॅनलाईन इन्टरेक्टिव लेक्चर्स’ की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए सभी विश्वविद्यालयों में विशेषज्ञ-प्राध्यापकों की एक टीम बनेगी जो गुणवत्तापूर्ण-व्याख्यानों का मूल्यांकन करते हुए उनकी अपलोडिंग अपनी वेबसाईटों पर सुनिश्चित करायेगी। ‘स्वयं’ एवं ‘स्वयं प्रभा’ आॅनलाईन-शिक्षण-प्रणाली के तहत महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयीय विभागों को शीघ्र निबंधित कराने के लिए भी सभी कुलपतियों को निदेशित किया गया। शिक्षक-छात्र-अनुपात के युक्तीकरण के कार्य को विषयवार एवं काॅलेजवार सुनिश्चित करने की दिशा में अग्रेतर कार्रवाई हेतु भी कुलपतियों को निदेशित किया गया।

बैठक में उपस्थित कुलपतियों को आॅनलाईन डिग्री-वितरण तथा डिग्रियों की ‘नैड’ पर अपलोडिंग के काम में भी तेजी लाने को  कहा गया। विश्वविद्यालय-परिसर में ‘वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग कक्ष’ की आवश्यकता महसूस करते हुए इनकी स्थापना हेतु शीघ्र आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित सभी कुलपतियों को मार्ग-निर्देश प्रदान किए गए।

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