पटना : बिहार में आज से पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू हो गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इलेक्ट्रिक बसों का शुभारंभ करते हुए 12 इलेक्ट्रिक बसों समेत 82 बसों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। खुद भी ई-बस में बैठ विधान सभा सत्र में शामिल होने पहुंचे। पटना नगर, पटना-राजगीर और पटना-मुजफ्फरपुर के लिए नई सेवा शुरू की गयी है। पटना नगर बस सेवा एवं बिहार के विभिन्न मार्गों पर मार्च के आखिरी सप्ताह तक कुल 25 इलेक्ट्रिक बसें चलने लगेंगी। अब बिहार के कइ जिलों में इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण के लिए तो अच्छे हैं ही, साथ ही इनके परिचालन पर खर्च भी कम होगा। एक नई शुरूआत हुई है।बस के अंदर काफी सुविधाएं हैं।परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि राज्य की जनता को सस्ती, सुलभ, सुगम, सुरक्षित एवं अत्याधुनिक सुविधायुक्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए 12 इलेक्ट्रिक बसों का शुभारंभ किया गया।
डीजल की बढ़ती कीमत और बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से बिहार की यातायात में आज से नई शुरुआत की गयी है। राजधानी पटना में आज से इलेक्ट्रीक बसों का परिचालन शुरु हो गया है। नीतीश कुमार ने इलेक्ट्रिक बसों के फ्लैग के साथ लक्जरी, डीलक्स एवं सेमी डीलक्स बसों को भी रवाना किया। इन बसों का परिचालन शुरू हो जाने से राज्य के सभी 38 जिलों से राजधानी पटना की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। साथ ही जिला, प्रखंड मुख्यालय से राजधानी का सफर काफी आसान हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि पटना नगर बस सेवा एवं बिहार के विभिन्न मार्गों पर मार्च के आखिरी सप्ताह तक कुल 82 इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन हेतु 9 मीटर के लंबाई वाले 15 इलेक्ट्रिक बस एवं 12 मीटर लंबाई के 10 इलेक्ट्रिक बसों की ओपेक्स माॅडल पर प्राप्ति की जा रही है। फिलहाल 12 बसें निगम को मिल गई हैं। इन बसों का परिचालन पटना-राजगीर, पटना- मुजफ्फरपुर एवं पटना नगर सेवा के विभिन्न मार्गों पर किया गया है। बाकी बसें 15 मार्च 2021 तक प्राप्त हो जाएंगी।
सभी इलेक्ट्रिक बसें वातानुकूलित एवं आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। 15 इलेक्ट्रिक बसें 37 सीटर , जबकि 12 मीटर लंबाई की 10 बसें 45 सीटर होंगी। बसों के अंदर इमरजेंसी गेट एवं इमरजेंसी विंडो की भी सुविधा उपलब्ध है। इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए परिवहन परिसर फुलवारी शरीफ में कुल 1200 किलोवाट के चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 120 किलोवाट के 6 चार्जिंग प्वाइंट एवं 240 किलोवाट के दो चार्जिंग प्वाइंट हैं। प्रतिदिन रात में इलेक्ट्रिक बसें चार्ज किये जाने के बाद यहीं से खुलेगी।
पटना में इससे पहले भी एसी बस चलाने का प्रयास किया गया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही इसे बंद कर दिया गया। इन बसों में यात्रियों के भीड़ के कारण ज्यादातर समय एसी का लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिसके कारण परिवहन विभाग ने पटना की सड़कों से उन बसों को हटाना ही बेहतर समझा। अब फिर से एसी बसों की शुरुआत की जा रही है, ऐसे में विभाग को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि इन बसों की स्थिति भी पहले की तरह न हो। एक बार चार्ज होने के बाद 225-250 किलोमीटर चलेगी। पूर्णतः प्रदूषण मुक्त, पूर्णतः वातानुकूलित, सीसीटीवी कैमरा (दो बस के अंदर और एक बाहर) सभी बसों में तीन-तीन डिस्प्ले, पैनिक बटन फैसिलिटी, बस के अंदर यात्रियों को मोबाइल चार्ज करने की सुविधा, पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम, स्मार्ट टिकटिंग एवं इंटेलिजेंट व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम, इमरजेंसी बटन एवं एलार्म बेल की सुविधा है।
मुख्यमंत्री के साथ इस मौके पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, भवन निर्माण मंत्री अशौक चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी और परिवहन सचिव संजय अग्रवाल भी उपस्थित थे।