गुरु के प्रति सर्वस्व समर्पण ही सच्ची दक्षिणा

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पटना : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दक्षिण बिहार द्वारा गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। पटना के राजेन्द्र नगर स्थित संघ कार्यालय, विजय निकेतन में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रा.स्व. संघ के उत्तर-पूर्व क्षेत्र (बिहार-झारखंड) के सह क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद ने कहा कि संघ ने किसी व्यक्ति के बदले परम पवित्र भगवा ध्वज को अपना गुरु माना है। व्यक्ति स्खलनशील है। तत्व कभी स्खलनशील नहीं हो सकता। भगवा ध्वज भारत के उदात्त मूल्यों को दर्शाता है। इसके दर्शन मात्र से हमें अपने गौरवशाली अतीत का स्मरण हो जाता है। इसका रंग यज्ञ की लपटों जैसा है। यह हमें अपने विकारों को आहूत करने की प्रेरणा देता है।

गुरु पूजन के बारे में उन्होंने कहा कि गुरु पूजन का तात्पर्य समर्पण से है। श्रेष्ठ विचारों के प्रति समर्पण का भाव होना चाहिए। श्रेष्ठ समर्पण वही है जिसमें व्यक्ति अपना सर्वस्व समर्पण कर देता है। बिना किसी अहंकार के अपना समर्पण करना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि संघ के 6 उत्सवों में एक उत्सव गुरु पूजन का भी है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वयंसेवकों का समर्पण भाव बढ़ाना है। वर्तमान समय में कोरोना के संक्रमण को लेकर कई सावधानी बरती जा रही है। आज के माहौल में सामान्य ढंग से गुरु पूजन नहीं किया जा सकता। उसे ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था बनाई गई है कि एक स्थान पर गुरु पूजन का कार्यक्रम हो। इसे फेसबुक लाइव द्वारा प्रसारित किया गया। जिससे प्रांत के विभिन्न स्थानों में चलनेवाले कुटुंब शाखा के स्वयंसेवक इससे जुड़कर कार्यक्रम में शामिल हो सके। कार्यक्रम में संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, सह प्रान्त संघचालक राज कुमार सिन्हा समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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