गृह विभाग के विमर्श को गिलोटिन के तहत लाना जनता के मजाक : विजय सिन्हा

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Vijay Kumar Sinha, Leader of Opposition, Bihar Vidhan Sabha

पटना: बिहार विधानसभा में गृह विभाग से सम्बंधित विमर्श प्रस्ताव पर अब गिलोटिन के कारण बहस नहीं हो सकेगा। कार्यमंत्रणा समिति के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसा निर्णय लिया। मंगलवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार के दबाव में लिया गया यह इस निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण व बिहार की जनता के विरूद्ध है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद के सामने नतमस्तक हो गए हैं और बिहार में उत्तरोत्तर खराब हो रही कानून-व्यवस्था की स्थिति पर जनता की आवाज को बंद कर देना चाहते हैं।

विधानसभा में अपने कक्ष में पत्रकार वार्ता में श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार को 1990 की दशक वाली स्थिति में ले जाने की पूरी आशंका है। नीतीश सरकार के कई अधिकारी व मंत्री संगीन अपराध के मामले में घिरे हैं और उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। विधानसभा में सरकार की ऐसी कृत्यों की कलई खुलने वाली थी कि सरकार ने परम्परा के विरुद्ध गृह विभाग के प्रस्ताव पर ही गिलोटिन का अस्त्र चला दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के 11 मुख्य विभाग ऐसे हैं जिनके प्रस्ताव को गिलोटिन के अधीन नहीं लाया जा सकता है। सरकार के संसदीय कार्य विभाग के प्रस्ताव पर गृह विभाग के विमर्श को गिलोटिन के तहत लाकर जलसंसाधन विभाग के प्रस्ताव पर विचार का प्रस्ताव आया है। सरकार कहती है कि चैत्र मास में बिहार में बाढ़ की स्थिति आ गयी है, इसीलिए बिहार में कानून-व्यवस्था के हालात से ज्यादा जरूरी जलसंसाधन विभाग से जुड़े प्रस्तावों पर सदन में बहस होना चाहिए। सरकार का यह तर्क हास्यास्पद एवं अपराध से त्रस्त बिहार के लोगों के साथ क्रूर मजाक है।

swatva

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