पटना : दलितों के भीतर हीन भावना को खत्म किया जाना चाहिए। जो अधिकार आम नागरिक होने के नाते हमें और आपको है, वो सारे अधिकार समाज में सबसे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी है। खासकर दलितों को। ये बाते आज होटल पाटलिपुत्र में दलित कम्युनिटी फाउंडेशन नामक संस्था के लॉन्चिंग के अवसर पर बिहार विधान परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष हारून रशीद ने कही। उन्होंने कहा कि संस्था का उदेश्य दलितों का उत्थान करना है। आज से ही यह संस्था अपने उद्देश्यों के लिए कटिबद्ध होगी। पिछड़ों, दलितों और दबे-कुचलों को आगे लाने में सरकार के साथ इस तरह के संस्थाओं की भूमिका अहम होती है। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है—पढ़े लिखे दलित आज भी अपने को अभिजात्य वर्ग के सामने दबा-कुचला ही समझते हैं। इससे निजात दिलाने के लिए संस्था को बेहतर काम करना होगा। बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को सरकारी पदाधिकारी दलित बस्तियों में जाते हैं और दलित के हाथ से झंडा फहराया जाता है। दलित को पदाधिकारी के साथ बैठने का मौका मिलता है। नीतीश कुमार के इस फैसले की सराहना होनी चाहिए।
ग्रामीण एवं नगर विकास परिषद की श्रीमती अंजु सिन्हा ने कहा कि आज भले ही दलित कम्युनिटी फाउंडेशन की लॉन्चिंग कर दी गयी है, लेकिन इसको धरातल पर लाने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी।
(मानस दुबे)
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