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बीएमसी के पीटीएम में बोले विभागाध्यक्ष, स्कूल से ज्यादा कॉलेजों में पेरेंट्स—टीचर मीट जरूरी

पटना : पटना कॉलेज के स्नातक जनसंचार (बीएमसी) विभाग में गुरुवार को पेरेंट्स—टीचर मीट (पीटीएम) का आयोजन किया गया, जिसमें अभिभावको ने अपने बच्चों को लेकर शिक्षकों से संवाद किए। पीटीएम को संबोधित करते हुए हिंदी के विभागाध्यक्ष सह बीएमसी के समन्वयक प्रो. तरुण कुमार ने कहा कि घर में मां—बाप और शिक्षण संस्थान में शिक्षक ही ऐसे शख्स होते हैं, जो हमेशा छात्र—छात्राओं के हित की सोचते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि ​अभिभावकों व शिक्षकों का आपस में संवाद होता रहे। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए समन्वयक ने जीवन का महत्व समझने की सलाह दी और कहा कि मनुष्य का जीवन महाकाव्य से भी बड़ा है। कालीदास और तुलसी जैसे विभूति भी इस जीवन की लालसा रखते थे। अगर हमारा तन और मन स्वस्थ है, तो हम सौभाग्यशाली हैं। स्वस्थ तन व मन के बल पर हम कुछ भी प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि स्कूल में तो अभिभावक पीटीएम में जाते हैं। लेकिन, कॉलेज में नाम लिखवाने के बाद उनको लगता है कि बच्चा बड़ा हो गया है, अब अभिभावकों को कॉलेज जाने की क्या जरुरत है। असल में कॉलेज में ही पीटीएम की अधिक आवश्यकता है। प्रो. कुमार ने सोशल मीडिया पर अधिक समय व्यय करने वाले छात्रों को नसीहत देते हुए कहा कि इससे भ्रम व अफवाह को बढ़ावा मिलता है। कम संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति पर उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि सिर्फ कॉलेज की फीस भर देने से अभिभावक का दायित्व पूर्ण नहीं होता है। इस पीटीएम में जिन बच्चों के अभिभावक नहीं आए हैं, उन्हें अगली बार आने का आग्रह किया जाएगा।

पीटीएम को संबोधित करते हुए विभाग के शिक्षक डॉ. गौतम कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाले छात्र वर्ग में सक्रिय नहीं रहते हैं। यह स्थिति बदलनी चाहिए। एक अभिभावक द्वारा पाठ्यपुस्तक की उपलब्धता पर सवाल किए जाने का जवाब देते हुए डॉ. गौतम ने कहा कि सेमेस्टर प्रणाली लागू होने और सिलेबस में बदलाव के कारण पाठ्यपुस्तकों की थोड़ी कमी है, लेकिन उससे अगले महीने तक दूर कर लिया जाएगा। पूर्ण रूप से सुसज्जित लैब भी अगले महीने से कार्य करने लगेगा।

Students and their parents present at BMC parents teacher meet in Patna College on Thursday

कार्यक्रम में अभिभावकों ने अपनी बात रखी और विद्यार्थियों को हो रही परेशानी, आधारभूतसंरचना का कमी आदि की चर्चा की। शिक्षकों की ओर से कहा गया कि अभिभावकों द्वारा कही गई बातों को गंभीरता से लेे हुए उनपर कार्य किए जाएंगे और शिक्षकों की संख्या, पुस्तकें, अतिरिक्त गतिविधियां, लैब आदि को दुरुस्त किया जाएगा। संबोधन सभा के बाद पृथक रूप से अभिभावकों ने शिक्षकों से मिलकर अपने—अपने छात्र/छात्रा के बारे में विमर्श किया और उनकी अकादमिक प्रगति के लिए राय दी।

पीटीएम में विभाग के शिक्षक डॉ. विभा कुमारी, संजीव कुमार, जगजीवन कुमार, अमित कुमार, रचना सिंह, प्रशांत रंजन प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इसके अलावा बीएमसी के पार्ट—1, 2 व 3 के छात्र—छात्रा व उनके अभिभावक उपस्थित थे।