पटना : पटना आईएमए हॉल में बिहार आर्थिक संस्थान और गांधी स्मृति एवं दर्शन स्मृति दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में पटना में महात्मा गांधी के 150वी जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में ” बा और बापू” कार्यक्रम किया गया। दिल्ली से आए वेद व्यास ने कहा कि गांधी जी का आदर्श अहिंसा था और अहिंसा के इस सिद्धांत को यदि स्कूल लेबल से बताया जाय तो हम एक अहिंसक समाज के निर्माण में कामयाब हो सकते हैं। गांधी जी अहिंसा की तो बात करते ही थे साथ ही एक दूसरे को आदर करना, समझना, संवेदनशीलता और दयालुता पर भी जोर देते थे। रिटायर्ड आईएएस, लेखक और कवि राम उपदेश सिंह ने कहा कि जब गांधी जी चंपारण आए थे तो अंग्रेज़ प्रशासन उन्हें लौटने को कहा लेकिन गांधी जी वापस नहीं गए। उन पर धारा 144 लगा दिया गया। वापस नहीं लौटने पर उनपर मुकदमा चलाया गया। उनकी सादगी देखकर अंग्रेज़ इतने प्रभावित हुए की उन्हें छोड़ दिया। राम उपदेश जी ने कहा कि गांधी जी ने जो आंदोलन चंपारण से शुरू किया उसकी पराकाष्ठा 1947 में देश की आज़ादी के रूप में देखने को मिला। गांधी को आज पूरा विश्व याद कर रहा है। 2 अक्टूबर को पूरी दुनिया अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है। उन्होंने कहा कि गांधी जी कहा करते थे आपके कर्म ऐसे होने चाहिए कि समाज की आखिरी पंक्ति में खड़ा व्यक्ति की आंसू पोछ सके। उनका जीवन सादगीपूर्ण था। बिहार आर्थिक संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी वसंत जी ने कहा कि महात्मा गांधी ने पांच संघ बनाई थी। 29 जनवरी 1948 को अपने अंतिम वसीयत में कांग्रेस को विसर्जित (खत्म) करने की बात कही थी। उनके पांच संघ में ग्रामोद्योग संघ, चरखा संघ, नई तालीम संघ, गो-सेवा और हरिजन सेवक संघ बनाई थी। उनके बताए रास्तो पर चलने से देश में एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकता है।
(मानस द्विवेदी)