पटना: अंतरराष्ट्रीय संस्था कोरस्टोन और बिहार सरकार के संयुक्त तत्वाधान में ओरिएंटेशन कार्यशाला का आयोजन होटल मौर्य में किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना और कोरस्टोन संस्था में एक आपसी साझेदारी तय की जिसमे कहा गया कि गर्ल्स फर्स्ट और यूथ फर्स्ट प्रोग्राम को अगले तीन सालों में इतना सफल बनाएंगे की इसे मॉडल के रूप में पूरे बिहार में लागू किया जा सके।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से लड़कियों में बाल विवाह और दहेज़ प्रथा को कम किया जा सकेगा। बेहतर शिक्षा की प्राप्ति और जीवन मे बेहतर अवसर प्राप्त करने के लिए लड़कियां अपनी बात परिवार और समाज के सामने रख पाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि अपने लक्ष्यों को पाने के लिए अपने गुणों का सदुपयोग कर सकेंगी। जो कि इस कार्यक्रम के माध्यम से किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय संस्था कोरस्टोन बिहार के एडवाइजर राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि इस संस्था के साथ मिलकर और बिहार सरकार का सहयोग लेकर इसे पूरे बिहार में लागू करने की कोशिश की जाएगी। उम्मीद है कि इसमें हमे सफलता निश्चित मिलेगी। राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि गर्ल्स फर्स्ट कार्यक्रम बिहार के पांच जिलों में चलाया जा रहा है। कस्तूरबा गांधी विद्यालय के कक्षा 6 से कक्षा 8 के बच्चियों के भावनात्मक समुउत्थान और किशोर अवस्था पर प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि उसी प्रकार युथ फर्स्ट से संबंधित प्रशिक्षण मिडल स्कूल में दिया जाता है। फिलहाल यह पटना और दरभंगा में दिया जा रहा है । अगले तीन वर्षों में इन दोनों कार्यक्रमों के माध्यम से बिहार के सभी जिलों के कस्तूरबा गांधी विद्यालय और मिडल स्कूल तक ले जाने की योजना है। सारी गतिविधि बिहार शिक्षा परियोजना के माध्यम से संचालित की जा रही है।
(मानस द्विवेदी)
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