युवा जीवन पर बनी फिल्म छिछोरे सुशांत सिंह अभिनीत है। इसमें मनोरंजन के साथ-साथ एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है।
फिल्म की कहानी यूँ है कि अनिरुद्ध( सुशांत सिंह राजपूत) व माया( श्रद्धा कपूर) का बेटा iit की एंट्रेंस परीक्षा में असफल होकर सुसाइड करने की कोशिश करता है। जिसके बाद उसके सर पर गहरी चोट लग जाती है और अस्पताल में वो ज़िंदगी और मौत के बीच लड़ रहा होता है। अपने बेटे की ये हालत देखकर अनिरुद्ध उसे अपने कॉलेज के दिनों की कहानी सुनाता है कि किस तरह वो और उसके दोस्त लूज़र कहलाया करते थे।
सुशांत का अभिनय उसके जवानी और बुढ़ापे दोनों में ही अच्छा रहा है। श्रद्धा भी माया के रोल में अच्छी रही हैं ……उनका किरदार मासूमियत से भरा था, जिसे उन्होंने भरपूर निभाया है। अनिरुद्ध के दोस्तों के रूप में सेक्सा (वरुण) अपने किरदार में डूबे हुए नजर आते हैं, डेरेक( ताहिर राज भसीन), एसिड( नवीन पॉलीशेटटी), बेवड़ा (सहर्ष शुक्ला), क्रिस क्रॉस (रोहित चौहान), मम्मी ( तुषार पांडे) सभी ने अच्छा अभिनय किया है। रेजी (प्रतीक बब्बर) राइवल के रूप में है।
नितेश तिवारी से हमारी उम्मीदें दंगल जैसी फिल्मों के बाद बढ़ जाती है और बेशक उन्होंने हमें निराश नहीं किया है इस बार भी। फिल्म में 90 का दशक है, तो कपड़ों और बाकी हर छोटी-बड़ी चीज उस तरीके से डिज़ाइन किये गये हैं। बूढ़े के रोल में और अच्छा मेकअप किया जा सकता था।
फिल्म देखने इसलिये जाइये कि आप स्वीकार सकें कि जिंदगी में हार-जीत दोनों का सामना करना पड़ता है, पर जिंदगी किसी एक के आने से भी रुकती नहीं।
शांभवी शिवानी