एएन कॉलेज में कोरोना से बचाव पर व्याख्यान, विशेषज्ञ बोले— उल्टी व पेट दर्द भी कोविड के लक्षण
ऑक्सीजन लेवल 90 से कम होने पर अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत
88.01% के रिकवरी दर के साथ बिहार नंबर वन
पटना : एएन कॉलेज के आईक्यूएसी के तत्वाधान में आयोजित व्याख्यानमाला शृंखला के अंतर्गत सोमवार को “बिहारवासियों का वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव एवं उपचार” विषय पर प्रख्यात फिजीशियन डॉ. राजीव रंजन ने आॅनलाईन व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में डॉ. रंजन ने कहा कि कोविड-19 एक अभूतपूर्व समस्या है, जिसके कारण मनुष्य के तन का तेवर, मन की मस्ती और धन का धमाल अत्याधिक प्रभावित हुआ है। वर्तमान समय में भारत में कोविड-19 के मामले में बिश्व में दूसरे स्थान पर है। इस वायरस के लक्षणों में लगातार परिवर्तन हो रहे है। नए लक्षणों में सिर्फ उल्टी और पेट दर्द भी कोविड के लक्षण हो सकते है।
डॉ. रंजन ने बताया कि कोविड के असिम्प्टोमैटिक केस, जिसमें कोविड के लक्षण प्रत्यक्ष नहीं होते, उनसे वायरस के प्रसार की ज्यादा संभावना रहती है। इस वायरस का प्रभाव सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं, अपितु अन्य कई अंगों पर पड़ता है। जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग आराम करने और प्रतिरोधक बढ़ाने की दवा जैसे जिंक, विटामिन सी, तथा विटामिन डी लेने से ठीक हो सकते हैं। संक्रमित व्यक्तियों को नियमित ऑक्सीजन लेवल की जांच करनी चाहिए। ऑक्सीजन लेवल 90 से कम होने पर अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत हो सकती है।
डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि इस वायरस से भयभीत होने की कतई आवयश्कता नहीं है, मास्क का प्रयोग, शारीरिक दूरी तथा स्वच्छता बरतने से इस वायरस से बचा जा सकता है। मोटापा, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों को ज्यादा सावधानी बरतने की आवयश्कता है, क्योंकि ऐसे लोगो की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। बिहार के संदर्भ में बोलते हुए डॉ. राजीव रंजन ने कहा बिहार ने कोरोना से लड़ने में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। बिहार के राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व ने कोरोना संकट में बेहतर काम करते हुए देश के सामने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।वर्तमान में रिकवरी दर के मामले में भी बिहार देश में अव्वल राज्य बन गया है। अभी तक देश में सबसे अधिक रिकवरी दर दिल्ली की थी, लेकिन बिहार ने दिल्ली को पीछे छोड़ दिया। राज्य की रिकवरी दर 88.01% है। अभी प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगो की टेस्टिंग की जा रही है। डॉ. राजीव रंजन ने कहा कोरोना के कारण बताएं और रुकावट आए हैं, परंतु मानव हर समस्या पर विजय पाने में सक्षम है।
इसके पहले सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. एसपी शाही ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में वेबिनार के माध्यम छात्रों एवं शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चाएं आयोजित की जा रही है तथा विद्यार्थियों पर केंद्रित कई कार्यक्रम भी चलाये जा रहे है। प्रधानाचार्य ने कहा कि लॉकडाउन समय मे भी डॉ. राजीव रंजन ने अनवरत पीड़ित मानवता की सेवा जारी रखी तथा विभिन्न माध्यमों से कई लोगो का उपचार किया।
धन्यवाद ज्ञापन आइक्यूएसी के समन्वयक डॉ. अरुण कुमार ने किया। इस कार्यक्रम का संचालन आइक्यूएसी की ज्वाइंट कोऑर्डिनेटर डॉ रत्ना अमृत ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर अजय कुमार, प्रो. शैलेश सिंह, प्रो. प्रीति सिन्हा, प्रो. तृप्ति गंगवार समेत महाविद्यालय के कई शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।