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9 अक्टूबर : बाढ़ की मुख्य ख़बरें

” कैदी, ओ री चिरैया तथा बेटी वियोग” नाटकों का मंचन

बाढ़ : देश भर में चर्चित रंगकर्मियों की नगरी पंडारक में दुर्गापूजा के अब तक कुल तीन नाटकों का मंचन हो चुका है। सोमवार की रात पूर्वांचल दुर्गा पूजा समिति, पंडारक के रंगमंच पर ‘आज़ाद कला निकेतन’, पंडारक के कलाकारों द्वारा ‘कैदी’ नाटक के मंचन के साथ इस वार्षिक नाट्य महोत्सव की शुरुआत हुई।

मंगलवार को इसी मंच पर पुण्यार्क कला निकेतन, पंडारक के सौजन्य से ‘ओ वुमनिया’, पटना के कलाकारों ने रुबी ख़ातून द्वारा लिखित अपने बहुचर्चित नाटक ‘ओ री चिरैया’ की शानदार प्रस्तुति दी। इस नाटक में परिकल्पना-रोहित चंद्रा, हारमोनियम वादन-राज भूमि तथा ढोलक वादन-निहाल सिंह निर्मल का था। बेटियों पर होने वाले अत्याचार, घरेलू हिंसा को रोकने के लिए मुहिम छेड़ने का संदेश देते हुए इस नाटक की निर्देशिका रुबी ख़ातून सहित उनकी टीम के कलाकारों लक्ष्मी राजपूत, मंजरी मणि त्रिपाठी, प्रीति शर्मा, फ़िज़ा निग़ार, शांति इस्सर आदि के बेहतरीन अभिनय ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया।

तीसरी प्रस्तुति ‘पुण्यार्क कला निकेतन’ पंडारक के रंगकर्मियों की रही जिन्होंने मंगलवार की रात दूसरे सत्र में विजय आनंद के निर्देशन में भिखारी ठाकुर के प्रसिद्ध नाटक ‘बेटी वियोग’ का सफल मंचन किया। इस नाटक में एक पिता द्वारा अपनी नाबालिग लड़की की शादी  उसकी इच्छा के विरुद्ध ज़बरन एक बुज़ुर्ग व्यक्ति से कर देने तथा शादी के बाद ससुराल में प्रताड़ना की शिकार होने के बाद मायके आने पर जब उस लड़की को पिता का साथ नहीं मिलता है तो वह रो-रो कर कहती है कि तुम बेटी बेचवा हो बाबू। समाज की कुरीतियों पर प्रहार करते हुए इस नाटक में विजय आनंंद, राजेश कुमार, दिनेशकुमार, मनीष राज, अशोक पंडित, कुंदन शाह, मनोरंजन, उमेश, अक्षय, रंजन राज, सुभद्रा सिंह, आरती, शिल्पी, रविशंकर, आदि ने अपनी-अपनी भूमिकाओं का सफल निर्वहन कर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

इस नाटक में संगीत मास्टर जानी, नाल वादन दिलीप शर्मा तथा प्रकाश परिकल्पना अभिषेक आनंद का था। प्रस्तुति नियंत्रक संजीव रंजन थे। नाट्य मंचन के समय साहित्यसेवी शिक्षक एवं मंचीय उदघोषक अमित कुमार, मशहूर रंगकर्मी डा. रविशंकर, पुण्यार्क कला निकेतन के संयोजक मनोज कुमार सिंह तथा संरक्षक आनंद मोहन प्र. सिंह सहित हज़ारों की संख्या में दर्शक उपस्थित थे।

हर्षोंल्लास के साथ मना दशहरा

बाढ़ : अनुमंडल में विभिन्न जगहों पर आकर्षक ऐतिहासिक सजावटों के साथ ही चुस्त-दुरुस्त प्रशासनिक व्यवस्था में दशहरे का त्यौहार शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। अनुमंडल के मसूद विगहा, बनारसी घाट, स्टेशन, कचहरी, मच्छरहट्टा, काजीचक, वाजिदपुर, शहरी, बेढना सहित कई दुर्गा मंदिरों एवं भारत माता के पूजन स्थलों को भव्य तथा आकर्षक रुप से सजाया गया और चन्द्रयान-2 की ऐतिहासिक आकृति देकर पूजा पंडालों को सजाया गया। बहीं बाढ़ एनटीपीसी के क्रिकेट मैदान में भव्य रावण वध का आयोजन किया गया। वेलफेयर एसोसिएशन और पूजा समिति एनटीपीसी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में परियोजना प्रभावित क्षेत्र के हजारों लोग शामिल थे। इस कार्यक्रम का उदघाटन कार्यकारी निदेशक आसित कुमार मुखर्जी के द्वारा किया गया एवं बारी-बारी से कुंभकरण, मेघनाथ  और रावण का पुतला दहन किया गया। एनटीपीसी कार्यकारी निदेशक श्रीमुखर्जी ने समारोह में शामिल सभी लोगों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनायें देते हुये कहा कि पावन दशहरे का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत तथा अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। इसीसे दशहरे के दिन रावण को जलाने की परंपरा है। इस कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी के संबंध में उन्होंने बताया कि इसकी तैयारी 12 दिन पूर्व से की गई थी। विदित हो कि हर वर्ष बाढ़ एनटीपीसी में रावण वध कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। एनटीपीसी के सूचनातंत्र कमजोर रहने के कारण संवादहीनता बनी रहती है और  समय पर एनटीपीसी की खबरें भी नहीं मिल पाती है। रावण बध की खबर कैवरेज करने पहुंचे पत्रकारों को सीआईएसएफ के जबानों ने गेट पर ही रोक दिया। जिसमें परियोजना प्रभावित क्षेत्र के हजारों लोग शामिल होते हैं। एनटीपीसी के मानव संसाधन के जीएम हरजीत सिंह, पीआरओ ज्ञानप्रभा एवं अभिषेकजी ने बताया कि रावण बध देखने के लिये मौके पर एनटीपीसी के सभी विभागों के जीएम तथा सभी परियोजनाकर्मियों एवं मन्दाकिनी क्लब के सभी सदस्यों के अलावे परियोजना प्रभावित क्षेत्र सहित अनुमंडल के हजारों लोग मौजूद थे।

पंडारक में होगा नौ नाटकों का मंचन

बाढ़ : रंगकर्म के क्षेत्र में बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड के पंडारक गांव की पूरे बिहार ही बल्कि राष्ट्रीय पटल पर अपनी एक विशिष्ट पहचान रही है और पंडारक के रंगमंच पर सिने अभिनेता पृथ्वीराज कपूर ने भी बर्षों पूर्व अभिनय किया था, जो यहां के नाट्य संस्था के इतिहास के पन्नों में दर्ज है।

यहाँ सौ वर्षों से भी अधिक पुरानी नाट्य मंचन की परंपरा आज भी अक्षुण्ण है। “हिन्दी नाटक समाज” के रुप में पंडारक के प्रथम स्थायी रंगमंच की स्थापना का भी अब 98 वर्ष पूरा हो चुका है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये पंडारक के युवा नाटककार तथा किरण कला निकेतन नाट्य संस्था से जुड़े मंचीय उदघोषक अमित कुमार ने बताया कि पंडारक में दुर्गा पूजा के अवसर पर 1922 ई. से ही प्रतिवर्ष नाट्य महोत्सव का सफल आयोजन होता आ रहा है तथा वार्षिक नाट्य प्रदर्शन की कड़ी में इस बार यहाँ 7 से 12 अक्टूबर तक विभिन्न नाट्य संस्थाओं द्वारा कुल नौ नाटकों का मंचन किया जायेगा।  “पूर्वांचल दुर्गा पूजा समिति”, पंडारक के रंगमंच पर 7 अक्टूबर से “आज़ाद कला निकेतन” द्वारा इन्द्रदेव प्रसाद के निर्देशन में ‘कैदी’ नाटक का मंचन किया गया। इसी मंच पर क्रमशः 8 से 12 अक्टूबर तक युवा रंगकर्मी विजय आनंद के निर्देशन में “पुण्यार्क कला निकेतन” द्वारा भिखारी ठाकुर लिखित नाटक ‘बेटी वियोग’ एवं चंद्रभूषण मणि लिखित ‘घुंघरु’ तथा  “आज़ाद कला परिषद” द्वारा  9 अक्टूबर को  शिवाश्रय प्रसाद के निर्देशन में ‘चरणों की दासी’ का मंचन होगा। पूर्वांचल दुर्गा पूजा समिति के रंगमंच पर ही “किरण कला निकेतन” द्वारा चर्चित रंगकर्मी रविशंकर कुमार के निर्देशन में 10 अक्टूबर को लखन लाल सिंह लखन कृत नाटक ‘भर्तृहरि’ तथा 11 अक्टूबर को नेमिचंद्र जैन द्वारा अनुवादित नाटक ‘पैसा बोलता है’  की प्रस्तुति होगी। “हिन्दी नाटक समाज” द्वारा अपने ऐतिहासिक रंगमंच पर 9 अक्टूबर को ‘कांटा दामन फूल’, 10 अक्टूबर को पंडारक के सुप्रसिद्ध नाटककार स्व. कृष्ण मुरारी सिन्हा लिखित नाटक ‘माटी की लाज’ तथा 11अक्टूबर को पंडारक के युवा नाटककार ब्रजेश पाठक लिखित ‘परेशानपुर जंक्शन’ का मंचन वरिष्ठ रंगकर्मी रमेश शर्मा के निर्देशन में होगा।हर बर्ष पावन दुर्गा पूजा के अवसर पर पंडारक में नाटक देखने के लिये काफी दूर-दराज के लोगों का भीड़ हुआ करता है।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को ले एसडीओ ने की बैठक दिए कई निर्देश

बाढ़ : अनुमंडल सभागार में अनुमंडल के सभी मूर्ति पूजा समिति के संचालकों के साथ एक बैठक की गयी। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि हर हाल में “राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन” को बाढ़ की धरातल पर शत-प्रतिशत उतारना है। यानी गंगा को स्वच्छ रखने के लिये हर कीमत पर मूर्ति विसर्जन का काम गंगा में नहीं होगी।

अनुमंडल अधिकारी के निर्देश पर विसर्जन कार्य को संपन्न कराने के लिए हर जगह अस्थाई तालाब के निर्माण का निर्णय लिया गया। बाढ़, बख्तियारपुर और मोकामा प्रखंड सहित सभी जगहों पर अस्थाई तालाब के निर्माण की व्यवस्था प्रशासन द्वारा कराई जायेगी और वही मूर्ति का विसर्जन होगा। जिसे बाद में वहां से हटाया जायेगा। ग्रामीण स्तर पर भी जहां तालाब और पोखरों की व्यवस्था है, वहां उसी में विसर्जन होगा और जहां नहीं है वहां भी अस्थाई तलाब की व्यवस्था की जायेगा।

बाढ़ के अनुमंडल अधिकारी सुमित कुमार ने बताया कि बाढ़ में उमानाथ धाम और पोस्ट-ऑफिस घाट के निकट मोकामा में बरहपुर, औंटा और रामपुर डुमरा के निकट बख्तियारपुर में रानीसराय और समसीपुर के निकट प्रशासन द्वारा अस्थाई तलाव बनाने की योजना है। जहां मूर्ति विसर्जन का कार्य संपन्न होगा। बावजूद इसके यदि कोई पूजा समिति द्वारा कहीं भी गंगा में मूर्ति विसर्जन की जायेगी तो उस समिति से प्रदूषण फैलाने के आरोप में प्रशासन 50 हजार जुर्माना वसूल करेगी।

कलश विसर्जन के लिए विभिन्न गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

बाढ़ : विजयादशमी के दिन अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर कलश विसर्जन के लिये उमड़ी श्रध्दालुओं की भीड़ तथा श्रध्दालुओं द्वारा गंगा में कलश विसर्जन धड़ल्ले से किया गया।

हमारा देश कृषि प्रधान तो है ही साथ ही धर्म प्रधान देश भी है। इस देश के लोगों को धर्म और पूजा – पाठ पर जितना भरोसा है, उतना भरोसा उन्हें खुद पर भी नहीं है और हमारा संविधान भी किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की इजाजत नहीं देती। जिस के आड़ में यहां बोल – चाल की प्रवृत्ति विकसित हो गई है। धर्म और पूजा पाठ के नाम पर किसी का कोई सुनने वाला नहीं है। इसका उदाहरण है कि

बाढ़ के अनुमंडल सभागार में अनुमंडल अधिकारी के साथ पूजा समिति के संचालकों की एक बैठक आहूत किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से सौ फ़ीसदी “राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन”को अमल में लाने का निर्णय लिया गया। प्रतिमा विसर्जन गंगा में न कर अस्थाई तालाबों में विसर्जन करने पर सहमति बनी,जिसकी व्यवस्था प्रशासन की ओर से कराया जाना है। लेकिन मात्र चंद घंटे बाद ही गंगा को प्रदूषित करने का काम शुरू हो गया। कलश स्थापना के समय पूजा-पाठ में लगाये गये सारे सामग्री की अवशेष को बेफिक्र विजयादशमी की सुबह गंगा में श्रध्दालुओं द्वारा प्रवाहित किया गया। जिसके परिणाम से प्रशासन और श्रद्धालु दोनों अनजान दिख रहे हैं।अगर प्रशासन द्वारा कलश विसर्जन के लिये भी प्रतिमा विसर्जन के जैसा ही कोई वैकल्पिक ब्यवस्था का निर्देश जारी होता तो लोग आज गंगा में कलश विसर्जन नही करके उसी अस्थाई तालाब में करते। लेकिन न तो प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई निर्देश जारी हुआ और न ही श्रद्धालुओं का स्वविवेक ही काम किया।

अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए लोगों ने थाना को दिया लिखित शिकायत

बाढ़ : राज्य में पूर्णतः शराब बंदी है पर बाढ़ अनुमंडल मुख्यालय के मोहल्ले में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। शराब की बिक्री रोकने के लिए मोहल्ला वासियों ने कमर कस ली है। लोगों ने इस संबंध में थाने में लिखित शिकायत भी की है।

बाढ़ थाना क्षेत्र के विकास नगर मोहल्ले में अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है, जिसके कारण मोहल्ले में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। मोहल्ले के लोग काफी परेशान हैं। इस परेशानी से निजात पाने के लिये दर्जनों की संख्या में विकास नगर वासियों ने बाढ़ थाना पहुंचकर मोहल्ले में हो रही अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिये लिखित शिकायत दी। राज्य सरकार सुशासन का लाख दाबा कर ले कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है पर विकासनगर नगर के लोगों द्वारा थाना में लगाई गयी गुहार बाढ़ में शराबबंदी की पोल खोलने के लिये काफी है।

युवक की लाश मिलने से फैल शहर में सनसनी

बाढ़ : नगर थाना क्षेत्र के लंगरपुर-नाथ चक गांव में उस समय सनसनी फैल गयी, जब जूट के बोरे में बंद एक युवक की लाश को लोगों ने देखी। युवक का शव खेत में छुपा कर रखी गई थी। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई। बाढ़ पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मृतक के परिजन के अनुसार पांच दिन पूर्व पड़ोस के ही दो लड़के ने युवक को घर से बुलाकर ले गया था, जो फिर वापस नहीं लौटा। परिजन काफी खोजबीन के बाद बाढ़ थाने में गायब होने की लिखित सूचना दर्ज कराई थी। पर युवक की सड़ी-गली लाश बरामद हुयी। चौकीदार के अनुसार कनपटी में गोली मारकर हत्या की गयी है। बाढ़ पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी कर रही है। 24 वर्षीय मृतक नाथचक गांव का रहने वाला था।

सत्यनारायण चतुर्वेदी