एनटीपीसी में परियोजना अधिकारी व वेंडरों का हुआ सम्मेलन
बाढ़ : एनटीपीसी परियोजना के मंदिर शेड में साझा सेवा केंद्र पूर्वी क्षेत्र भाग एक के द्वारा सूर संध्या कार्यक्रम का आयोजन वेंडर मिट के दौरान किया गया। जिसमें सुप्रसिद्ध बांसूरी वादक सौरभ वनोधा सहित अन्य कलाकार ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। वही एनटीपीसी अधिकारियों एवं वेंडरों का सम्मेलन आयोजित किया गया।
“वेंडर सम्मेलन 2019” का हर साल की तरह इस साल भी आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 200 से अधिक संविदाकारों तथा कांट्रैक्टरों एवं सप्लायर्स ने भाग लिया। एनटीपीसी बाढ़ के मंदिर शेड परिसर में आयोजित इस सम्मेलन का उदघाटन एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक आसित कुमार मुखर्जी ने दीप प्रज्वलित कर किया तथा संचालन स्नेहा सुमन ने किया। कार्यकारी निदेशक श्रीमुखर्जी ने लोगों को संबोंधित करते हुए कहा कि किंही वेंडरों को कोई परेशानी नहीं हो। इसके लिये ही वेंडर सम्मेलन आयोजित किया जाता है और वेंडरों की परेशानियों को दूर करने के लिये परियोजना के अधिकारी सक्रिय रहा करते हैं।
सम्मेलन में आये हुये सभी संविदाकारों को संबोधित करते हुये कार्यकारी निदेशक श्रीमुखर्जी ने कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य संविदाकारों से सीधी बातचीत, जान-पहचान एवं एनटीपीसी परियोजना परिसर में संविदाकारों द्वारा कार्य को कराए जाने के दौरान होने वाली परेशानियों से रू-ब-रू होना है। ताकि उनके परेशानी को हर संभव दूर करने का प्रयास किया जा सके। क्योंकि वर्तमान में सारे काम ऑनलाइन होने शुरू हो गये हैं। जिसकी वजह से कितने संविदाकारों से भेंट-मुलाकात तथा जान-पहचान भी नहीं हो पाती है।
इस मौके पर मंच पर बैठे सभी आगंतुक अतिथियों को बुके देकर सम्मानित किया गया तथा बारी-बारी से सभी अतिथियों को अपनी-अपनी बात रखने का भी मौका दिया गया। सम्मानित अतिथियों में रीजन ईस्ट वन के एस नरेंद्रा,वीआईए के उपाध्यक्ष ओ०पी० सिंह, डीआईसीसीआई के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश पासवान, विजिलेंस के एचओडी निर्मल कुमार सिंह, एससीएसटी हब के किरण मिश्रा, एसएससी के जीएम एनएम गुप्ता के अलावे एनटीपीसी मुख्य कार्यालय तथा बाढ़ एनटीपीसी के सीजीएम एवं सभी विभागों के जीएम सहित सभी अधिकारी मौजूद थे।
कार्यक्रम के संयोजन तथा व्यवस्था मानव संसाधन के महाप्रबंधक हरजीत सिंह एवं पीआरओ ज्ञान प्रभा ने की। इस कार्यक्रम के बाद सोमवार की देर शाम को सूर संध्या का भी आयोजन एनटीपीसी परिसर में किया गया।
सत्यनारायण चतुर्वेदी