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पटना बिहार अपडेट

3 अक्टूबर : बाढ़ की मुख्य ख़बरें

जाप कार्यकर्ताओं ने बाढ़ पीड़ितों के लिये राहत सामग्री भेजी

बाढ़ : बाढ़ पीड़ितों और जल जमाव पीड़ितों के लिए बाढ़ के जाप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटना के बाढ़ एवं जलजमाव पीड़ितों के लिये आवश्यक खाद्य सामग्री भेजने का बीड़ा उठायाऔर स्थानीय गुलाब बाग से सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर पटना के जलजमाव पीड़ितों के लिए चूड़ा, गुंड़, बिस्किट, नमकीन, पानी की बोतलें सहित अन्य सूखा खाद्य पदार्थ भेजने का निर्णय लिया। जिसे एक वाहन में भरकर स्थानीय गुलाब बाग से जिला अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम देव सिंह चौहान, युवाशक्ति अध्यक्ष अजय कुमार, युवा परिषद अध्यक्ष मनीष कुमार, शिक्षक प्रकोष्ठ अध्यक्ष नीरज कुमार, युवा परिषद उपाध्यक्ष निरंजन सिंह सरीखे अन्य कर्मठ कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में पटना के जनाधिकार पार्टी कार्यालय के लिए रवाना किया।

हर्षोल्लास के साथ मनायी गई राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती

बाढ़ : अनुमंडल के विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक तथा राजनैतिक संस्थानों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनायी गयी। बाढ़ के एनटीपीसी थानान्तर्गत ढीबर गांव के राजकीयकृत लक्ष्मी नारायण राजवंशी उच्च माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती धूमधाम से मनायी गई।

महान राजनेता तथा भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 105वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनका भी पुण्य स्मरण किया गया। सर्वप्रथम विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं द्वारा पंक्तिबद्ध जुलूस के रुप में एक आकर्षक प्रभात फेरी निकाली गई जिसमें विद्यालय के समस्त शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी भी सम्मिलित रहे।

बाढ़ के पानी में बह कर आया अजगर का बच्चा

बाढ़ : बाढ़ में बह कर आया एक अजगर का बच्चा इन दिनों बाढ़ शहर में कौतूहल का विषय बना हुआ है। जिसे देखने के लिए लगातार लोगों की भीड़ बाढ़ के उमानाथ धाम स्थित टीकाचक गांव में पहुंच रही है। जिसमें खासकर बच्चे की संख्या अधिक है। पिंजरे में बंद फूफकार मारते छोटे से अजगर के बच्चा को देखकर बच्चे काफी खुश हो रहे हैं।

पिंजड़े में बंद करके बच्चे को रखने वाले सोनू का कहना है कि यह सांप गंगा में उफान के कारण कहीं किनारे लग गया था और घूमते-घूमते शहर में प्रवेश कर गया। इसे देखते ही लोगों की भीड़ बढ़ गयी। जिसे उसने पिंजरे में बंद कर रख लिया है और उसे दूध दे रहे हैं।

अनुमंडल के कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

बाढ़ : अनुमंडल के सभी प्रखंडो में गंगा नदी का जलस्तर बढने से बाढ़ आगई है। लोग अपना घर-बार छोड़कर सड़कों पर जीवन गुजारने को विवश हैं। उधर प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा राहत कार्य नाकाम साबित हो रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मोकामा टाल के घोसवरी प्रखंड के टाल क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण टाल का अधिकांश हिस्सा डूब चुका है।

त्रिमुहान पंचायत के मोहनपुर और त्रिमुहान गांवों को जोड़ने बाला पुल भी पानी में डूब चुका है। त्रिमुहान पंचायत के पास से बहने बाली मोहाने नदी का जल स्तर इतना बढ़ गया है कि बाढ़ का पानी पुल के ऊपर से वह रहा है, जिससे दोनों गांवों का सड़क संपर्क टूट चुका है और गाड़ियों का चलना भी बंद हो गया है। बाढ़ की हालात को देखते हुये जिला प्रशासन ने लोगों को दो नाव मुहैय्या करायी है, जिससे लोगों को आबाजाहि करने में काफी सहूलियत हो रही है।

बहीं प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर पंडारक प्रखंड के वरूआने-बथोई पंचायत के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ रही है। पीड़ितों ने बताया कि प्रशासन की ओर से कोई राहत नही मिली है। उधर चार दिनों की लगातार बारिश और गंगा के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि के कारण बाढ़ अनुमंडल के अथमलगोला प्रखंड स्थित गंगा के पार बसा एक पंचायत रामनगर दियारा बांसी की जिंदगी तार-तार कर के रख दिया है।

खाने-पीने की बात तो दिगर है रात गुजारने की उम्मीद भी छिन गयी है। लोग कंफ्यूज हो गए हैं कि “बाढ़ में रामनगर है, या रामनगर में बाढ़ है” पूरी जिंदगी ही सड़क पर आ गई है। यहां की स्थिति इतना भयावह है कि सड़क से घर जाने में लोगों को छाती भर पानी से गुजरना पड़ता है। कल्पना कीजिये ऐसी स्थिति में यदि कोई बीमार पड़ता है या किसी को प्रसव पीड़ा होती है तो उसका क्या होगा? इस तरह की विपत्ति में सरकार कितना सार्थक होती है यह तो जगजाहिर है। यही वजह रहा कि इस पंचायत के लोगों को अपने विधायक को बुलाने के लिए एक नायाब तरीका अपनाना पड़ा। ‘बाढ़ विधायक लापता’ की पोस्टर लगाकर मीडिया में ‘ पोस्टर बॉय’ की उपाधि मिलते ही भागे-भागे विधायक रामनगर दियारा वासियों से मिलने तो आये। लेकिन गांव जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और सड़क पर ही आश्वासनों की पुलिंदा खोल कर रख दिये। बाढ़ विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू द्वारा दी गई आश्वासन का प्रशासन पर कोई असर नही पड़ा और अब तक पीड़ितों को कोई राहत नही मिल पायी है।

सत्यनारायण चतुर्वेदी