15 सितंबर : बाढ़ की मुख्य ख़बरें

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अनुमंडल बाढ़ को जिला बनाने का मुद्दा फिर पकड़ा ज़ोर

बाढ़ : अतिप्राचीन अनुमंडल ‘बाढ़’ को जिला बनाए जाने का मुद्दा फिर गरमाने लगा है। ‘बाढ़’ को जिला बनाए जाने को लेकर रविवार को बाढ़ के एसबीआर कॉलेज चौक निकट शकुंतला भवन में सर्वदलीय कार्यकर्ताओं एवं बुद्धिजीवियों की एक बैठक आयोजित किया गया। इसमें सर्वसम्मति से  ‘बाढ़’ जिला बनाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया। इस समिति में बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों से 101 सदस्यों की चयन किया जायेगा, जो इस संघर्ष समिति के सक्रिय सदस्य होंगे और  ‘बाढ़’ को जिला बनाने की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण भूमिका होगा और वे हमेशा इस संघर्ष समिति के कार्य में अग्रणी भूमिका निभायेंगे।

इसकी अध्यक्षता भाजपा नेता राणा सुधीर कुम सिंह एवं संचालन प्रो० रामानन्द झा ने की। जबकि बैठक में अधिवक्ता सुभाष रमण, जितेंद्र कुमार सिंह, राजेश कुमार राजू, प्रो०साधु शरण सिंह सुमन, राहीजी, शंभु स्वर्णकार, प्रो०श्यामदेव सिंह चौहान सहित दर्जनों लोग मौजूद थे। विदित हो कि ‘बाढ़’ राज्य गठनकाल का सबसे पुराना अनुमंडल है, जो अब तक जिला का दर्जा पाने से मरहूम रहा,  जबकि बाढ़, मोकामा, बख्तियारपुर से अब तक जितने भी राजनेता अहम पद और प्रतिष्ठा पाने में कामयाब हुये हैं, सबों के पीछे ‘बाढ़’ को जिला बनाने का मुद्दा ही रहा है।

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लोग इसी मुद्दे को सीढ़ी बनाकर चढ़ते चले गये। लेकिन ‘बाढ़’ आज भी अपने औरंगजेब के जमाने वाली हाल पर रो रहा है और तो और सुबे के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी वर्तमान में जहां भी और जिस हाल में भी हैं, उनको वहां तक पहुंचाने में भी ‘बाढ़’ जिला का मुद्दा ही मुख्य रहा है। मुख्यमंत्री श्रीकुमार ने भी जंगलराज को कोसते हुये बर्षों पूर्व एक सभा को संबोंधित करते हुये कहा था कि जब बिहार में मेरी सरकार होगी तब हमारी कैबिनेट की प्रथम बैठक में ही ‘बाढ़’ को जिला बनाया जायेगा। बहरहाल इस मुद्दे को पुनः गरमाने वाले कितने नेता इस मुद्दे को लेकर कहां तक सफल हो पाते हैं और ‘बाढ़’ कब जिला बन पाता है?  क्योंकि जब-जब नेताओं की दुकानदारी बंदी के कगार पर आती है, तब-तब बाढ़ को जिला बनाने का मुद्दा गरमाने लगता है।

जीजा और साली ने लगायी गंगा नदी में छलांग

बाढ़ : अनुमंडल के सुविख्यात उमानाथ मंदिर घाट के पास दो प्रेमी युगल, जो रिश्ते में जीजा और साली है उन्हों ने शनिवार को गंगा नदी में एक साथ छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।

दोनों की शवों की खोजबीन अभी जारी है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन द्वारा शवों को खोजने के लिये एनडीआरएफ की टीम लगायी गयी है। सूत्रों ने बताया कि दोनों रिश्ते में जीजा और साली थे तथा दोनों नालन्दा जिला के बिहारशरीफ के रहने वाले थे। बिहारशरीफ पहाड़ी, मोहल्ले निवासी करीब रामप्रवेश राय(28 बर्ष) जीजा तथा बिहारशरीफ गढ़ पर मोहल्ला निवासी करीब 14 बर्षीय नावालिग के प्रेम-प्रसंग के बारे में परिजनों को पता चला और दोनों के बीच हुये प्रेम-प्रसंग को लेकर कहासूनी हो गई। इसके बाद दोनों ने बाढ़ स्थित उमानाथ मंदिर व घाट के पास गंगा नदी में छलांग लगा कर जान दे दी। स्थानीय प्रशासन के द्वारा दोनों जीजा और साली के शवों की  खोजबीन के लिये एनडीआरएफ की टीम लगायी गयी है तथा संवाद लिखे जाने तक दोनों का शव बरामद नहीं हुए है। इस घटना की पुष्टि नगर थानाध्यक्ष ने की है।

सत्यनारायण चतुर्वेदी

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