सारण : छपरा शहर के हेजलवुड स्कूल परिसर में नई शिक्षा नीति 2019 पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के मुख्य वक्ता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास समिति के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी थे। इस सेमिनार में छपरा के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के स्कूलों के निदेशकों एवं प्राचार्यों ने भाग लिया।
सेमिनार में नई शिक्षा नीति के कारण शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा हुई। मुख्य वक्ता कोठारी ने कहा कि शिक्षा एवं शिक्षण संस्थाओं को राजनीतिक एवं प्रशासकीय हस्तक्षेप से दूर रखना उचित है। साथ ही उन्होने कहा कि एसोसिएशन अपने जन प्रतिनिधियो के माध्यम से संसद आपनी समस्याओं से अवगत करवाये ताकि कुछ सुधार हो सके विजयकांत ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में निजी विद्यालयों का कार्य सराहनीय है और स्कूलों की मैनेजिंग कमिटी की वर्तमान व्यवस्था उचित है।
राम दयाल शर्मा ने कहा कि निजी विद्यालयों की स्वायत्तता शिक्षा की गुणवत्ता हेतु महत्वपूर्ण है हालांकि एक नियामक व्यवस्था होनी चाहिए। निजी विद्यालय के संचालकों ने नियामक व्यवस्था का तो स्वागत किया परंतु सरकार के अतिरिक्त हस्तक्षेप पर आपत्ति जतायी और कहा कि यह एक प्रकार से नियंत्रण प्रणाली की स्थापना है। राष्ट्रीय नीति में बच्चों के चारित्रिक विकास एवं परीक्षा के पहलुओं पर भी चर्चा हुई।
सेमिनार में निजी विद्यालयों द्वारा यह बात आई कि यदि नीति के वर्तमान प्रारूप में अपेक्षित परिवर्तन नहीं किया गया तो पूरे देश की शिक्षा प्रणाली प्रभावित होगी। सेमिनार में अरुण सिंह, श्रीमती सीमा सिंह, बलदेव सिद्धार्थ, देव कुमार सिंह, संदीप आनंद, विकी आनंद हरेंद्र कुमार सिंह, पीवी सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।