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मुज़फ़्फ़रपुर की मुख्य ख़बरें
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26 जुलाई : मुज़फ़्फ़रपुर की मुख्य ख़बरें

गंडक नदी के तटबंधों का डीएम ने किया निरीक्षण

मुज़फ़्फ़रपुर : जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह साहेबगंज प्रखंड पहुँच प्रखंड मुख्यालय में प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बाढ़ की अधतन स्थिति को लेकर बैठक की और संभावित आपदा को निपटने के मद्देनजर जनप्रतिनिधियों के साथ उन्होंने विचार विमर्श भी किया।

साहेबगंज प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रूपछपरा पंचायत एवं अन्य क्षेत्रों का जिला पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया। बाढ़ से प्रभावित लोगों से उन्होंने मुलाकात की और उनका हाल जाना। साथ ही उपस्थित पदाधिकारियों को उन्होंने सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया। वहां चल रहे कम्युनिटी किचन का निरीक्षण भी जिलाधिकारी के द्वारा किया गया। उन्होंने अपर समाहर्ता आपदा एवं संबंधित प्रखंड के अंचल अधिकारी को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में तेजी लाएं।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। अधिक से अधिक कम्युनिटी किचन चलाएं और आवश्यकतानुसार लोगों को पॉलिथीन सीट का वितरण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने गंडक नदी का तटबंध का भी निरीक्षण किया। जिलाधिकारी द्वारा पंचायत भलुही रसूल के विद्यालय में वृक्षारोपण भी किया गया। प्रखंड सभागार साहिबगंज में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक ही की गई। बैठक में बताया गया कि साहिबगंज में 14 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं जिनमें 5 पंचायत पूर्ण रूप से प्रभावित हैं जबकि 9 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हैं। कुल 82 वार्ड बाढ़ से प्रभावित हैं साहिबगंज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 07 कम्युनिटी किचेन चलाया जा रहा है। कूल 2670 पॉलिथीन सीट्स का वितरण किया गया है।  जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जरूरतमंदों को पॉलिथीन स्वीट्स का वितरण करें। सामुदायिक रसोई की संख्या बढ़ाएं तथा समय-समय पर उसका निरीक्षण भी करने का निर्देश दिया है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाया जा रहा कम्युनिटी किचेन

मुज़फ़्फ़रपुर : जिले में कुल 11 प्रखण्डो के 125 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं जिनमें 41 पूर्ण रूप से प्रभावित हैं और 84 आंशिक रूप से प्रभावित है। कुल 875 वार्ड बाढ़ से प्रभावित हैं। अभी तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 51 सामुदायिक किचेन का संचालन हो रहा है. 25 सरकारी नाव का परिचालन हो रहा है जबकि 121 निजी नावों का परिचालन भी किया जा रहा है। कुल 18882 पॉलिथीन का वितरण किया गया है।

जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने आज शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के प्रभावित प्रखंडों के अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारियों तथा वरीय प्रभारी पदाधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति को लेकर समीक्षा की और इस संबंध में कई आवश्यक निर्देश उनके द्वारा दिया गया। उन्होंने तटबंधों की स्थिति, पॉलिथीन सीट की उपलब्धता एवं वितरण ,नावों का परिचालन, सामुदायिक रसोई रसोई घर ,संबंधित प्रखंड में प्रभावित पंचायतों और वार्डो की संख्या इत्यादि के संबंध में जानकारी प्राप्त की और साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया।

उन्होंने वीडियो एवं सीओ को निर्देशित किया कि तटबंधों का लगातार निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी और कर्मी अलर्ट मोड में कार्य करें।कोरोना के साथ-साथ बाढ़ रुपी आपदा जैसी दोहरी चुनौतियों का सामना पूरी तन्मयता एवं आत्मविश्वास के साथ करें।

जिले में शुरू हुआ कमांड एवं कंट्रोल-सह-टेलीमेडीसीन सेंटर

मुज़फ़्फ़रपुर : कोविड-19 के लक्षण परिलक्षित होने पर कोई भी जानकारी अथवा परामर्श लेने के लिए तथा संक्रमण से ग्रसित वैसे मरीज जो होम आइसोलेशन में रह रहें हैं उनको घर बैठे बेहतर चिकित्सीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए जिलास्तर पर कोविड-19, जिला कमांड एवं कंट्रोल-सह-टेलीमेडीसीन सेंटर को पूर्ण रूप से कार्य करना प्रारंभ कर दिया है।

इस सेंटर में पैरामेडिकल स्टाफ के अलावा कई कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है जो लगातार पाॅजिटिव मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में फीडबैक ले रहे हैं। जिलाधिकारी आज देर संध्या कार्यालय प्रकोष्ठ में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 की रोकथाम हेतु की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
समीक्षा के क्रम में कंट्रोल रूम प्रभारी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि कंट्रोल रूम के दूरभाष संख्या एवं सम्बंधित हंटिंग लाइन पर फीडबैक ली जा रही है तथा लगातार काॅल्स भी प्राप्त हो रहे हैं, जिसका विधिवत रजिस्टर मेंटेन भी किया जा रहा है। कंट्रोल रूम  में राउंड-ओ-क्लाॅक कर्मियों/पैरामेडिकल स्टाफ की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है।

जिलाधिकारी ने कहा कि कंट्रोल रूम में प्रतिनियुक्त कर्मियों द्वारा लाॅग बुक का संधारण किया जायेगा जिसमें काॅल्स करने वाले व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर एवं प्राप्त सूचना आदि की जानकारी पंजी में अंकित करेंगे तथा उसकी सूचना अपने नियंत्री पदाधिकारी/वरीय पदाधिकारी को देंगे। साथ ही कंट्रोल रूम में सरकार द्वारा अद्यतन निर्देशों के आलोक में होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों के लिए आवश्यक दवाओं, मेडिसिन कीट एवं उनके उपयोग हेतु परामर्श भी दिया जायेगा तथा उन सभी की रेण्डमली जांच संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन करेंगे। सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि हर व्यक्ति जो होम आइसोलेशन में रहेंगे उन्हें तत्काल मेडिसिन किट उपलब्ध कराया जाय। इसमें जरूरी दवाओं के साथ साथ उनके उपयोग की विधि, आपातकालीन संपर्क सूत्र एवं मास्क भी उपलब्ध कराई जाय।

उन्होंने कहा कि प्रायः ऐसा देखा जाता है कि कोविड-19 पाॅजिटिव होने के बाद लोग पैनिक हो जाते हैं, ऐसे में होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्तियों को वीडियो काॅलिंग कराने की व्यवस्था शीघ्र करायी जाय ताकि वीडियो कॉल पर डॉक्टर से मरीज बात कर सके और कोवडि-19 पाॅजिटिव व्यक्तियों को मदद मिल सके।

जिलाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि कंट्रोल रूम में प्रतिनियुक्त सभी कर्मियों को कोविड-19 से संबंधित अद्यतन विभागीय निर्देंशों को प्रशिक्षण के माध्यम से लगातार प्रशिक्षित करते रहेंगे ताकि सभी फोन आॅपरेटरों को अद्यतन जानकारी प्राप्त हो सके और इसकी जानकारी आसानी से आमजनों तक पहुंचायी जा सके।

उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्तियों का थर्मल स्क्रीनिंग कराना सुनिश्चित किया जाय। बिना थर्मल स्क्रीनिंग कराये किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाय। साथ ही कंट्रोल रूम में प्रतिनियुक्त सभी डाॅक्टर्स, कर्मी मास्क पहनेंगे तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने कर्तव्यों का निवर्हन करेंगे।

सिविल सर्जन को कंटेनमेंट जोन के अंदर आईसीएमआर द्वारा जारी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत अनुपालन तथा होम आइसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मेडिकल किट्स उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर हाउस टू हाउस सर्वें किया जाय तथा कंटेनमेंट जोन में निवास करने वाले वैसे व्यक्ति जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हैं उनका सैंपल तुरंत जांच में भेजना सुनिश्चित किया जाय। कंटेनमेंट जोन में गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति, बच्चे-बुजुर्ग आदि के स्वास्थ्य की जांच भी नियमित रूप से कराने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।

कोरोना के वैसे मरीज, जिनमें कोई लक्षण नहीं है, आवश्यक सावधानियां बरतते हुए अपने घर पर क्वारंटाइन रहकर भी बिल्कुल ठीक हो सकते हैं। इस हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ निदेश जारी किये गये हैं, जो इस प्रकार हैं।

होम क्वारंटाइन के दौरान क्या करें:

(1) 10 दिनों तक होम क्वारंटाइन में किसी हवादार कमरे में अलग रहें। यदि संभव हो तो अलग शौचालय का उपयोग करें। अगर एक ही कमरे में रहना पडे़, तो अन्य सदस्यों से कम से कम 1-2 मीटर की दूरी बनायें रखें।
(2) थोड़े-थोड़े समय पर अपने हाथों को साबुन और बहते पानी से साफ करे रहें अथवा हैंड सैनेटाइजर का उपयोग करें।
(3) अपने द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले कमरे, सीलिंग, बिस्तर, शौचालय, कपड़े, बर्तन आदि की सफाई स्वयं करें तथा हमेशा कीटाणु मारने वाले सामग्रियों यथा-साबुन, डिटर्जेंट, फिनाईल, डेटाॅल आदि से कपड़े और घर की सफाई करते रहें।
(4) मास्क का उपयोग अवश्य करें।
(5) अपनी जरूरतों हेतु 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों का सहयोग लें। बच्चे-बुढ़े और बीमार लोगों से कम से कम 1-2 मीटर की दूरी बनाकर रखें।
क्या न करेंः-
(1) घर से बाहर नहीं निकलें और घर में भी इधर-उधर नहीं जायें।
(2) घर में यदि बड़े-बुजुर्ग, गर्भवती महिला, बच्चे तथा हृदय रोगी, निमोनिया, दमा, मधुमेह, किडनी, उक्त रक्तचाप आदि के मरीज हैं, तो उनसे बिल्कुल अलग रहें।
(3)अपने द्वारा उपयोग किये गये सामग्रियों यथा कपड़े, बर्तन, मोबाईल आदि किसी दूसरे के साथ साझा नहीं करें और उन्हें न छूने दें।

कोरोना के वैसे मरीज, जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं, उनके होम क्वारंटाइन हेतु आवश्यक शर्तेंः-
(1) कोरोना संक्रमित व्यक्ति को इस शर्त पर होम क्वारंटाइन की अनुमति प्रदान की जायेगी जब उनके घर पर क्वारंटाइन करने की आवश्यक सुविधा उपलब्ध हो।
(2) होम क्वारंटाइन में रहने के दौरान नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
(3) कोरोना से संबंधित किसी भी प्रकार का लक्षण आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क करना होगा ताकि उनके समुचित इलाज की व्यवस्था की जा सके।

(5) होम क्वारंटाइन में रह रहे व्यक्ति को निर्धारित प्रपत्र में एक घोषणा-पत्र जिला प्रशासन को समर्पित करना होगा।

इसके अलावे टाॅल फ्री नंबर-104 पर सम्पर्क कर चिकित्सीय सलाह भी प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति में निःशुल्क एम्बुलेंस हेतु टाॅल फ्री नंबर-102 पर डाॅल करें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिलेवासी घबड़ायें नहीं-सतर्क रहें, क्योंकि सतर्कता ही बचाव का सर्वोत्तम उपाय है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन करें। घर से बाहर निकलते समय अनिवार्य रूप से मास्क पहनें। अब मास्क नहीं पहनने पर 50 रू0 का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। अतिआवश्यक कार्य नहीं हो तो घर में ही रहें तथा सुरक्षित रहें।

सुनील कुमार अकेला