सीवान : कुटुंब प्रबोधन (परिवारिक जागरण) के बिना सामाजिक एकता संभव नहीं है। परिवारों में ही ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि किसी को किसी के लिए समय नहीं है, ऐसे में समाजहित में सोचना लोगों के लिए और भी मुश्किल हो गया है। कुटुंब प्रबोधन से ही परिवार मजबूत होगा व उससे ही देश समृद्धिशाली बनेगा। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर बिहार प्रांत प्रचारक रामकुमार ने रविवार को सीवान नगर के महावीरी सरस्वती विद्या मंदिर, विजयहाता के परिसर में संघ के द्वारा आयोजित परिवार मिलन समारोह को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि भारत हमारी मां है, केवल मिट्टी का टुकड़ा नहीं, इसलिए सभी में सामाजिक सेवा की भावना होनी चाहिए। प्रांत प्रचारक ने देश में टूटते परिवार, बिखरते समाज के प्रति गहरी चिंता जताई और सभी से आह्वान किया कि परिवारिक और सामाजिक रिश्ते ही हमारी पूंजी है, इसलिए इसे बचाए रखें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोग बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्होंने कहा हमें समय-समय पर उन लोगों को भी अपने परिवारिक सदस्यों के रूप में अपनाते हुए उनके सुख दुख में हिस्सेदार बनना चाहिए जो हमारे लिए किसी न किसी काम आते हैं। चाहे कोई हमारे लिए दूध लाता हो, हमारे घर में कपड़े धोता हो या फिर किसी अन्य काम में हमारा सहयोगी बनता हो। ऐसे हर व्यक्ति का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है। इसलिए आज सबसे बड़ी जरूरत कुटुंब प्रबोधन की है।
प्रांत प्रचारक ने कहा कि पहले हमारे परिवारों में पुरे परिवार के लोग एक साथ बैठ कर भोजन करते थे, जो हमारे परिवार एकता का मुख्य सूत्र था। अब यह आवधारणा समाप्त हो रही है। अगर परिवार को पुन: संगठित व वैभवशाली बनाना है तो पूरे परिवार को एक साथ बैठकर भोजन करने की परंपरा को पुन: परिवार में जीवित करना होगा।
परिवार मिलन समारोह में सीवान जिला संघचालक डाक्टर विनय कुमार सिंह, सीवान नगर संघचालक अशोक अग्रवाल, प्रांत संपर्क प्रमुख प्रोफेसर रविन्द्र पाठक, विभाग कार्यवाह रजनीश शुक्ल, विभाग सेवा प्रमुख प्रभात रंजन, विभाग प्रचारक, जिला कार्यवाह धर्मेंद्र कुमार, सह जिला कार्यवाह सुनील कुमार सिंह, क्रीड़ा भारती सीवान के जिला मंत्री नवीन सिंह परमार, जिला कार्यकारिणी सदस्य रोहित कुमार, राघव जी, रंजीत शाही, अमित कुमार सिंह, विजय कुमार प्रसाद, उत्पल पाण्डेय सहित सीवान नगर में निवास करने वाले सैकड़ों संघ के स्वयंसेवक व संघ समर्थक सपरिवार उपस्थित थे।