‘निमोनिया से बच्चों में होने वाली मृत्यु को कम करेगा सांस’

0

चिकित्सकों व स्टाफ नर्स को अलग-अलग बैच में किया जा रहा प्रशिक्षित

पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में नवजात शिशुओं एवं बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु को कम करने के प्रति स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। इस संबंध में कार्य योजनाओं को मूर्त रुप दिया जा रहा है। सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रालाइज पीनिमोनिया सक्सेसफुल (सांस) कार्यक्रम के तहत निमोनिया को दूर करने का कार्य चल रहा है। इसमें गति लाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को लगातार प्रशिक्षित करने का कार्य जारी है।

पांडेय ने कहा कि राज्य के क्रमशः 14 जिलों अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगुसराय, गया, जमुई, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, शेखपुरा और सीतामढ़ी में स्वास्थ्यकर्मियों को इस बीमारी की रोकथाम के लिए सांस कार्यक्रम के तहत जिला स्तर पर प्रशिक्षित करने की कार्ययोजना है।

swatva

इन जिलों में 16 मेडिकल आफिसर एवं 16 स्टॉफ नर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा। 31 जनवरी तक निर्धारित लक्ष्य के प्रति अलग-अलग बैचों में यह प्रशिक्षण चलेगा। अररिया में 2 बैच, औरंगाबाद में 3 बैच, बांका में 2, बेगूसराय में 4 समेत अन्य 14 जिलों में अलग-अलग बैच के माध्यम से कुल 36 बैचों में यह प्रशिक्षण चलेगा। सांस कार्यक्रम की शुरुआत 2020 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई थी।

पांडेय ने कहा कि इस अभियान के तहत नवजात शिशुओं एवं बच्चों में निमोनिया नियंत्रण कर मृत्यु को रोकने का लक्ष्य है। 2020-21 एवं चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल पटना में आयोजित किया गया था। इसमें इन जिलों से नामित चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्स को जिला स्तरीय प्रशिक्षक के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here